Ghaziabad News : गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस अब बीट पुलिसिंग के जरिए स्नैचिंग की वारदातों पर अंकुश लगाएगी। वारदात होने पर संबंधित बीट कांस्टेबल से जवाब तलब किया जाएगा। जिस बीट कांस्बेबल के क्षेत्र में ज्यादा वारदात होंगी, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल स्नेचिंग एक हीनियस क्राइम माना जाता है, इस तरह की वारदातें बहुत ही निगेटिव प्रभाव छोड़ती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दौरान गाजियाबाद में स्नेचिंग की वारदातों पर खासी नाराजगी जाहिर की थी। उसके बाद पुलिस कमिश्नर अजय मिश्र ने बीट अफसरों के पेच कसे हैं और मामले में सहायक पुलिस आयुक्तों को भी सख्त निर्देश दिए हैं।
स्नेचिंग हुई तो बीट कांस्टेबल को देना होगा जवाब
पुलिस आयुक्त अजय मिश्र ने कहा है कि शासन से मिले निर्देशों को सख्ती से पालन कराया जाएगा। गाजियाबाद उत्तर प्रदेश की शो विंडो है, यहां अपराध होने से प्रदेश के बाहर बहुत ही खराब मैसेज जाता है। उन्होंने बीट कांस्टेबल्स से कहा है कि अपना नेटवर्क मजबूत रखें, वारदात की सूचना पर तत्काल रिपोर्ट करें। पीड़ितों के साथ अच्छा व्यवहार करें। एसीपी भी स्नेचिंग के मामलों पर नजर रखेंगे और लगातार समीक्षा करेंगे।
स्नेचर्स के खिलाफ कोर्ट में मजबूत पैरवी करें
पुलिस आयुक्त ने बीट कांस्टेबल्स की ब्रीफिंग के दौरान सख्त निर्देश दिए हैं कि स्नेचर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे तो अपराधी अपराध करने से पहले सौ बार सोचेंगे। इसलिए वारदात होने पर त्वरित कार्रवाई के साथ यह भी जरूरी है कि स्नेचिंग के मामले में मजबूती से मुकदमा लिखा जाए। अभियुक्त के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने चाहिएं ताकि वह शक के आधार पर कोर्ट में बचने न पाए। मजबूत साक्ष्य जुटाएंगे तो अधिक मामलों में सजा होगी और समाज में कानून के पक्ष में एक संदेश जाएगा।
स्नेचिंग की वारदातें 14 प्रतिशत कम हुईं
पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र का कहना है कि पुलिस की सख्ती के बाद हालांकि जिले में वारदातें कम हुई हैं लेकिन अभी और सख्ती की जरूरत है। उन्होंंने बताया कि जिले में स्नेचिंग की वारदातें करीब 14 फीसदी कम हुई हैं। बीट व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के बाद और अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। पुलिस ने विभिन्न क्षेत्रों में संवेदनशील स्थान चिन्हित कर गश्त बढ़ाई है। स्नेचिंग को लेकर सहायक पुलिस आयुक्तों को भी लगातार समीक्षा करने और खुद भी क्षेत्र में निकलने के निर्देश दिए गए हैं।
ट्रांस हिंडन में स्नेचिंग के मामले सबसे ज्यादा
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन जोन में स्नैचिंग की वारदातें सबसे ज्यादा होती हैं। उसका एक बड़ा कारण यह है कि इस क्षेत्र में फ्लैट कल्चर है, लोग एक- दूसरे को जानते नहीं, इसलिए स्नेचर्स को यहां घिरने का खतरा कम रहता है। यहां सड़के भी चौड़ी हैं और अपराधी वारदात को अंजाम देकर तेजी से फरार हो जाते हैं। भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर स्नेचर्स को भीड़ द्वारा घेर लिए जाने का खतरा रहता है। इसके अलावा टीएचए जोन का दिल्ली से सटा होना भी बड़ा कारण हैं। दिल्ली में रहने वाले शातिर बॉर्डर पार आकर वारदातों को अंजाम देते हैं और फिर वापस दिल्ली चले जाते हैं।
अगस्त में टीएचए में 167 वारदातें दर्ज
पिछले महीने अगस्त में टीएचए में 167 वारदातें दर्ज की गईं, सिटी जोन में 95 और देहात जोन में 44 वारदातें रिकॉर्ड हुईं। पुलिस का दावा है कि इस साल देहात जोन में 34 तो टीएचए जोन में स्नेचिंग की वारदातों में 22 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। आए दिन पुलिस मुठभेड़ में स्नेचर्स की गिरफ्तारी के मामले सामने आते हैं। इस साल 300 से अधिक स्नेचर्स को पुलिस सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है।
जिले में 736 बीट, 167 महिलाओं के हवाले
गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ने जिले में कुल 736 बीट बनाई हैं। इनमें से 167 महिला बीट हैं यानि इन बीटों पर महिला पुलिस अफसर तैनात की गई हैं। देहात जोन में सबसे अधिक 339 बीट हैं, जबकि टीएचस जोन में सबसे कम 187 बीट बनाई गई हैं। सिटी जोन में कुल 210 बीट हैं। बीट अफसर के रूप में कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल की डयूटी लगाई गई है। दरअसल बीट पुलिस की सबसे पहली और छोटी इकाई है, बीट अफसर से उम्मीद की जाती है कि वह क्षेत्र में रहकर जनता के संपर्क में रहे ताकि जनता के बीच उसका अच्छा नेटवर्क हो।
इस साल 314 स्नेचिंग की वारदातें
वर्ष 2023 में जिले में स्नेचिंग की कुल 358 वारदातें दर्ज की गई थीं। सबसे अधिक 216 वारदातें टीएचए जोन में दर्ज हुई थीं। देहात और सिटी जोन में 71- 71 वारदात पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज की गई थीं। इस वर्ष अब तक टीएचए जोन में सर्वाधिक 167 स्नेचिंग के मामले दर्ज हुए हैं। दूसरे नंबर पर सिटी जोन में छिनैती की 95 और देहात जोन में कुल 52 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इस वर्ष अब तक कुल मिलाकर स्नेचिंग की 314 रिपोर्ट दर्ज कराई गई हैं।