साधू, शिल्पी, शासक, शायर और मंझी हुई सियासी शख्सियत नजर आए सीएम

गाजियाबाद ने देखे योगी के कई रूप : साधू, शिल्पी, शासक, शायर और मंझी हुई सियासी शख्सियत नजर आए सीएम

साधू, शिल्पी, शासक, शायर और मंझी हुई सियासी शख्सियत नजर आए सीएम

Tricity Today | CM Yogi Adityanath

Ghaziabad News : रोजगार मेले में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गाजियाबाद ने एक साथ कई रूप देखे। योगी कभी साधु नजर आए, कभी शिल्पी, कभी शासक तो कभी शासक। इन सारी भूमिकाओं के साथ योगी एक मंझी हुए सियासी शख्सियत भी नजर आए, इस भूमिका वह खूब आक्रामक भी दिखे और कांटे से कांटा निकालने के मंझे हुए महारथी भी। एक ही भाषण में इतने सारे रूप दिखाकर योगी ने साबित कर दिया कि उनकी पिच पर खेलने की सामर्थ्य शायद ही किसी दूसरे नेता में हो। अपनी इन भूमिकाओं से उन्होंने विपक्षियों को करारा संदेश दिया तो अधिकारियों को भी काफी कुछ सोचने समझने के लिए छोड़ गए। खैर, योगी के इस भाषण की सियासी गलियारों में लंबे समय तक चर्चा होनी तय है।

जब साधू की भूमिका में नजर आए योगी
साधू की भू‌मिका में योगी ने दूधेश्वर नाथ मंदिर से लेकर राम मंदिर, राम सेतु और कांवड़ यात्रा तक पहुंचे और विरोधियों को यह बताने कार प्रयास किया कि हम जो कहते हैं, कर दिखाने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने आस्था का जिक्र करते हुए भी विरोधियों को घेरा और अपनी पिच पर लाकर समेत दिया। उन्होंने समाजवादी पार्टी की ओर से धर्माचार्यों में माफिया दिखने की बात कहकर अपनी पिच पर ला गिराया।

कुशल शिल्पी बनकर सबको दी तवज्जो
मंच पर लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर को मिली तवज्जो तो उसी समय चर्चा का विषय बन गई लेकिन असल बात आज के कार्यक्रम में यह रही कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बारी- बारी से सबको तवज्जो देकर कुशल संगठन शिल्पी की भूमिका निभाई। पूर्व सांसद जनरल वीके सिंह हिंडन एयरबेस से ही उनके साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे। मंच पर योगी के एक तरफ सांसद अतुल गर्ग तो दूसरी तरफ केबिनेट मंत्री सुनील शर्मा नजर आए। लोकार्पण और शिलान्यास के सभी जनप्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री ने एक- एक करके अपने पास बुलाया।

सीएम अधिकारियों को भी दे गए संदेश
पहले मुरादनगर विधायक अजितपाल त्यागी, फिर मेयर सुनीता दयाल, उसके बाद लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर को पीछे से अपने वाएं हाथ पर खड़े केबिनेट मंत्री सुनील शर्मा और राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल के बीच खड़े होने का इशारा किया। मुख्यमंत्री के अंदर मौजूद कुशल शिल्पी ने कहीं न कहीं मेयर सुनीता दयाल और नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक एवं लोनी विधायक और पुलिस कमिश्नर के बीच चल रही खटपट में रिपीट लगाने का काम किया।

शासक की भूमिका में रोजगार की जिम्मेदारी उठाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस समय एक कुशल शासक की भूमिका में नजर आए जब उन्होंने मंच से कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी नौजवानों को उनकी काबिलियत और रूचि के मुताबिक रोजगार दिलाना हमारा दायित्व है। इतना ही नहीं उन्होंने कुशल शासक की भूमिका में सभी धर्मों और जातियों को आपस में मिल जुलकर रहने का संदेश दिया और साथ ही उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अगले तीन वर्षों में नंबर बनाने का प्रण लेकर योगी ने कुशल शासक की भूमिका निभाई।

सियासी शख्सियत की भूमिका रही सब पर भारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस समय मंझी हुई सियासी शख्सियत की भूमिका में नजर आए जब उन्होंने कांग्रेस और सपा को खरी खोटी सुनाईं और बड़े करीने से मौजूद जनसमूह की हामी भी भरा ले गए। इतना ही नहीं उन्होंने बसपा और दूसरी किसी दलित समर्थक पार्टी का अपने मुंह जिक्र तक नहीं किया। गाजियाबाद विधानसभा उप- चुनाव से ठीक पहले उन्होंने मंझे हुए सियासी खिलाड़ी की तरह जानबूझकर वॉक ओवर दे दिया।

शायर के अंदाज में कुछ यूं बोले योगी
सपा और कांग्रेस पर वार करने के लिए योगी आदित्यनाथ कुछ देर के लिए शायर की भूमिका में भी नजर आए। उन्होंने कहा - नजर नहीं है पर नजारों की बात करते हैं, जमीं पे चांद सितारों की बात करते हैं। हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले, भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं।

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