रैपिडएक्स रेल को हापुड़, बुलंदशहर व शामली तक ले जाने की तैयारी, केंद्रीय मंत्री ने दिए संकेत

गाजियाबाद से बड़ी खबर : रैपिडएक्स रेल को हापुड़, बुलंदशहर व शामली तक ले जाने की तैयारी, केंद्रीय मंत्री ने दिए संकेत

रैपिडएक्स रेल को हापुड़, बुलंदशहर व शामली तक ले जाने की तैयारी, केंद्रीय मंत्री ने दिए संकेत

Google Image | रैपिडएक्स रेल

Ghaziabad News : दिल्ली और मेरठ के बीच चलने वाली भारत की पहली रीजनल रेल रैपिडेक्स ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) को हापुड़, शामली और बुलंदशहर तक लेकर जाने की योजना है। इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई है। दिल्ली मेरठ के बाद रैपिड रेल जेवर एयरपोर्ट तक चलेगी। इसकी घोषणा गाजियाबाद के सांसद और केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने की है। 

क्या है योजना
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड एनसीआर के लोगों को राहत दिलाने के लिए काफी तेजी के साथ काम कर रही है। दिल्ली, गुरुग्राम, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद समेत एनसीआर और वेस्ट यूपी में जनसंख्या वृद्धि होती जा रही है। बढ़ती जनसंख्या के साथ ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की लोकल सड़कों पर ट्रैफिक को कम करने के लिए एक्सप्रेसवे एक बेहतर माध्यम है। हम यह भी कह सकते हैं कि दिल्ली मेरठ के बीच चलने वाली रैपिडएक्स ट्रेन के माध्यम से सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा। रैपिड रेल को दुहाई से जेवर तक चलने की योजना है। जेवर एयरपोर्ट के पास रैपिडएक्स रेल का स्टेशन बनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके बाद इस रैपिडएक्स को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़, शामली और बुलंदशहर तक लाया जाएगा। 

किराया भी होगा किफायती
रैपिडएक्स में केवल 2 रुपये में 1 किलोमीटर का सफर तय किया जा सकता है। दिल्ली से मेरठ 82 किलोमीटर की दूरी केवल कुछ मिनट में तय कर सकते हैं। दिल्ली और मेरठ के बीच 180 की रफ्तार से चलेगी। 82 किलोमीटर सफर के आपको 170 रुपये से भी कम देने होंगे। बता दें कि दिल्ली मेरठ कॉरिडोर इस योजना का केवल 20 फीसदी हिस्सा होगा, जो साल 2025 तक बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। तब रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के पल्लवपुरम तक दौड़ने लगेगी। इसके बाद राजधानी दिल्ली और पश्चिमी यूपी के सबसे महत्वपूर्ण शहर मेरठ के बीच 82 किलोमीटर की यात्रा महज एक घंटे में पूरी होगी इसके बाद दिल्ली या नोएडा में काम करने वाले लोगों का मेरठ में रहना संभव हो जाएगा। इसके बाद कुछ और शहरों में रैपिड रेल चलाने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार आरआरटीएस नेटवर्क को कितनी तेजी से आगे बढ़ती है।

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