Ghaziabad News : गाजियाबाद के भोजपुर क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने के बाद भी चल रहा है। इस अस्पताल में कुछ महीने पहले प्रबंधन की लापरवाही से नवजात की मौत हो गई थी। हेल्थ डिपार्टमेंट की जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद मेडिकेयर सेंटर संचालित हो रहे हैं। पीड़ित ने इस मामले में दोबारा सीएमओ और मुख्यमंत्री से शिकायत की है।
यह है पूरा मामला
भोजपुर ब्लॉक के अतरौली गांव निवासी अमित कुमार ने अपनी गर्भवती पत्नी कविता को 23 जनवरी 2024 की रात प्रसव के लिए जीवन ज्योति मेडिकेयर सेंटर में भर्ती कराया था। उस समय वहां कोई डॉक्टर नहीं था। उन्हें बताया गया कि डॉक्टर आ रहे हैं और उनकी पत्नी को लेबर रूम में ले जाया गया है। रात करीब दो बजे अस्पताल स्टाफ ने उन्हें फोन कर बताया कि उनकी बेटी हुई है, लेकिन उसकी हालत बहुत खराब है। अस्पताल में नवजात के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए तुरंत बच्ची को किसी अन्य अस्पताल में ले जाएं। अमित के मुताबिक, वह बच्ची को तुरंत हापुड़ के देवनंदनी अस्पताल ले गए। जहां बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया। देवनंदनी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की मौत करीब दो घंटे पहले हो गयी थी। वह नवजात का शव लेकर जीवन ज्योति मेडिकेयर सेंटर लौटा और स्टाफ से शिकायत की। जब उन्होंने शिकायत की तो स्टाफ ने उनके साथ अभद्रता की। अमित को उसकी पत्नी ने बताया कि डिलीवरी डॉक्टर ने नहीं बल्कि रिसेप्शन पर बैठी महिला ने की थी। इस मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने जांच की, जिसमें आरोप सही पाए गए।
सीएम से दोबारा की शिकायत
हेल्थ डिपार्टमेंट ने जीवन ज्योति मेडिकेयर सेंटर का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। लेकिन केंद्र अभी भी संचालित हो रहा है। अमित ने इस मामले में दोबारा सीएम से शिकायत की है। अमित का आरोप है कि अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से चल रहा है। अमित ने अस्पताल के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।