गाजियाबाद के लोनी थाना क्षेत्र में 4 वर्षीय मासूम की अपहरण के बाद हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट-1 के न्यायाधीश जयवीर सिंह नागर ने दोषी पति-पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों ने भीख मंगवाने और बेचने के उद्देश्य से मासूम का अपहरण किया था। अदालत ने दोनों पर 54 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आदेश त्यागी और ममता गौतम ने बताया कि लोनी थानाक्षेत्र में गिरी मार्केट के पास रहने वाले प्रदीप मिश्रा का 4 वर्षीय बेटा सौरभ 29 सितंबर 2017 की सुबह आठ बजे घर के बाहर से रहस्यमय हालात में गायब हो गया था। काफी तलाशने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला था तो स्वजन ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। सौरभ की तलाश में जुटी पुलिस ने छापेमारी शुरू की तो सरफराज और उसकी पत्नी सलमा घबरा गए। दोनों ने गला दबाकर सौरभ की हत्या कर दी थी।
चार अक्टूबर 2017 को उसका शव इनके घर से बरामद हुआ था। पुलिस ने सरफराज और सलमा को गिरफ्तार किया तो पूछताछ में उन्होंने बताया कि तस्कीन, नाजरा, सोनू और सरताज के साथ मिलकर उन्होंने सौरभ का अपहरण कर हत्या को अंजाम दिया था। वह भीख मंगवाने और बेचने के लिए नाबालिग बच्चों का अपहरण करते थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने सौरभ का अपहरण किया था। लेकिन वह भीख मंगवाने के लिए उसे बाहर भेज पाते या बेच पाते। उससे पहले ही पुलिस छापेमारी में जुट गई थी। ऐसे में पकड़े जाने के डर से उन्होंने सौरभ की हत्या कर दी थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आदेश त्यागी ने बताया कि साक्ष्यों के अभाव में अदालत ने तस्कीन, नाजरा, सोनू और सरताज को बरी करने के आदेश दिए।