NGT ने जारी किए नोटिस, याचिका पर सुनवाई करते हुए मांगा जवाब

गाजियाबाद में अंधाधुंध कंक्रीटिंग : NGT ने जारी किए नोटिस, याचिका पर सुनवाई करते हुए मांगा जवाब

NGT ने जारी किए नोटिस, याचिका पर सुनवाई करते हुए मांगा जवाब

Tricity Today | National Green Tribunal

Ghaziabad News : गाजियाबाद को पत्थरों से पाट देने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नोटिस जारी किए हैं। ‌एनजीटी ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ ही गाजियाबाद नगर निगम और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से बिना सोचे समझे कंक्रीट के फुटपाथ का निर्माण किए जाने संबं‌धी याचिका पर जवाब मांगा है। यह याचिका गाजियाबाद निवासी अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ की ओर से दायर की गई है।

नेचुरल वाटर रिचार्ज सिस्टम को डैमेज किया
याचिका में गाजियाबाद के उदाहरण देते हुए का गया है कि बड़े पैमाने पर कंक्रीटिंग ने नेचुरल वाटर रिचार्ज सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित किया है। सड़क के बगल में कच्ची पट्टी छोड़ी जानी चाहिए थी, लेकिन विभिन्न मानदंडों और निर्धारित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए सब जगह कंक्रीटिंग कर दी गई। ऐसा करने से बरसात का सारा पानी बर्बाद हो रहा है और भूजल स्तर गिरता जा रहा है।

शहरी बाढ़ का कारण बन सकती है यह कंक्रीटिंग
याचिका में आका‌श वशिष्ठ की ओर से कहा गया है कि वर्षा जल संचयन शहरी क्षेत्र में बाढ़ का बाढ़ का कारण बन सकता है दूसरी ओर यदि यदि सड़क किनारे कच्ची पट्टी छोड़ी जाती है तो बरसात का पानी नीचे चला जाता और स्वभाविक वाटर रिचार्ज होता रहता। लेकिन निर्माण कार्यों में लगी एजेंसियों ने इन सब बातों की परवाह किए बिना मनमानें ढंग से पूरे शहर को पत्थरों से पाटकर रख दिया। याचिका में शहरी विकास मंत्रालय द्वारा राज्यों के मुख्य सचिवों को बाढ़ रोधी शहरों/कस्बों की कार्य योजना के संबंध में जारी किए गए दिशा निर्देशों का भी हवाला दिया गया है।

छिद्रयुक्त टाइल्स का इस्तेमाल करते हैं
नगर निगम के चीफ इंजीनियर एनके चौधरी का मामले में कहना है कि एनजीटी के आदेश का अक्षरशः पालन किया जाएगा। श्री चौधरी ने कहा कि सड़क किनारे टाइल्स लगाने का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना है। ऐसा करने से धूल नहीं उठती। इसके साथ ही वाटर रिचार्ज जारी रखने के लिए हम छिद्रयुक्त टाइल्स का प्रयोग कर रहे हैं। छिद्र युक्त टाइल्स का इस्तेमाल करने से बरसात का पानी जमीन में जाता रहता है और नेचुरल वाटर रिचार्ज प्रभावित नहीं होता।

इन विभागों को बनाया पार्टी
याचिका में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय के अलावा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और गाजियाबाद नगर निगम समेत अन्य को पार्टी बनाया गया है।

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