गाजियाबाद में बसपा ने बदला टिकट, ठाकुर चेहरे पर दांव लगाने से भाजपा को होगा नुकसान

Lok Sabha Election 2024 : गाजियाबाद में बसपा ने बदला टिकट, ठाकुर चेहरे पर दांव लगाने से भाजपा को होगा नुकसान

गाजियाबाद में बसपा ने बदला टिकट, ठाकुर चेहरे पर दांव लगाने से भाजपा को होगा नुकसान

Tricity Today | ठाकुर नंद किशोर पुंडीर

Ghaziabad News : गाजियाबाद से बसपा ने अपने प्रत्याशी अंशय कालरा का टिकट काटकर ठाकुर नंद किशोर पुंडीर को दे दिया है। जिसके बाद गाजियाबाद में लोकसभा का चुनाव रोचक हो गया है। माना जा रहा है कि बसपा ने भाजपा प्रत्याशी का विरोध कर रहे ठाकुर समाज को खुश करने के लिए यह दांव खेला है। इससे पूर्व बसपा प्रत्याशी रहे अंशय कालरा ने नामांकन पत्र भी खरीद लिया था और आगामी तीन तारीख को नामांकन पत्र जमा करने की तैयारी कर रहे थे। इससे पहले पार्टी हाईकमान के एक फैसले ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 

अब बसपा प्रत्याशी बदलेगा समीकरण 
गाजियाबाद का मुकाबला काफी रोमांचक हो गया है। लोकसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां अपना प्रत्याशी उतारने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती है। सभी दल जातीय समीकरण को साधने के लिए दांव पेच आजमा रहे है। इसी कड़ी में सोमवार को बसपा ने गाजियाबाद से अपने घोषित प्रत्याशी को बदल दिया है। अब उनके स्थान पर ठाकुर जाती के प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। बता दे कि भाजपा ने ठाकुर समाज से आने वाले वीके सिंह का टिकट काटकर वैश्य समाज से आने वाले अतुल गर्ग को दे दिया था। जिसके बाद ठाकुर समाज के कुछ संगठनों ने भाजपा के इस निर्णय का विरोध शुरु कर दिया था।  ठाकुर समाज के कुछ संगठनों ने भाजपा प्रत्याशी का विरोध करने की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद माहौल को भांपते हुए यहां से बसपा ने अपने प्रत्याशी को बदलने की घोषना कर दी है।

ठाकुर वोटरों को लुभाने की कोशिश 
इस दौरान बसपा ने भी पंजाबी समाज से अंशय कालरा को टिकट देकर मैदान में उतार दिया था। राजनीति के जानकार मान रहे थे कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के वीके सिंह को टक्कर देने वाले बसपा के प्रत्याशी सुरेश बंसल के जैसी टक्कर अंशय कालरा नहीं दे पाएंगे। साथ ही गाजियाबाद लोकसभा सीट पर ठाकुर वोटों को भी अपनी तरफ करने के लिए बसपा ने अपना निर्णय बदल दिया है। अंशय कालरा का टिकट काटकर ठाकुर नंद किशोर पुंडीर को दिया गया है। बसपा के इस फैसले से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। क्योंकि गाजियाबाद लोकसभा सीट पर ठाकुर वोट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। बसपा ने ठाकुर समाज को टिकट देकर एक प्रकार से ठाकुर वोटों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की है।

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