जहां एक तरफ पिछले करीब बीस दिनों से महाराष्ट्र पुलिस एनसीआर के अंतर्गत आने वाले मेरठ,नोएडा एवं गाजियाबाद जिले में नकली जीवन रक्षक दवा कारोबार से जुडे लोगों की घेराबंदी करने में जुटी है,इस बीच कई लोगों को हिरासत में लेते हुए नकली दवा के एनसीआर में चल रहे रैकेट का भंडाफोड किया,वहीं देखा जाए तो शहर विधायक एवं योगी सरकार के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग अपने गृह जनपद में संचालित हो रहे नकली दवा कारोबार से शायद अनभिज्ञ है। पूरे मामले को लेकर जब शहर विधायक एवं प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने पूरी तरह से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारियों से जानकारी करने के साथ पूरे मामले को ड्रग विभाग देख रहे मंत्री के सामने उठाया जाएगा।
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच जिस वक्त लोग आक्सीजन,जीवन रक्षक दवाईयों के संकट से दो चार हो रहे थे, इस बीच नकली दवा के कारोबार से जुडे लोग सक्रिय हुए। बाकायदा पैरलल दवा का कारोबार संचालित करते हुए मेरठ,नोएडा एवं गाजियाबाद से तैयार नकली जीवन रक्षक दवाईयों के जखीरे को हरियाणा,महाराष्ट्र आदि तक पहुंचाया। पूरे खेल का खुलासा उस वक्त हुआ जब महराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एनसीआर से देश के विभिन्न हिस्सों तक सप्लाई की जा रही दवाईयों की पडताल की। उस वक्त खुलासा हुआ कि ये तमाम दवाईयां नकली है। इसके बाद जब महाराष्ट्रपुलिस सक्रिय हुई तो उजागर हुआ कि ये दवाईयां गाजियाबाद के कारोबारी के द्वारा मेरठ में तैयार की जा रही है।
मेरठ में तैयार होने वाली दवाईयों की नोएडा में पैकिंग की जाती है। गाजियाबाद में रैपर के डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हाल में महाराष्ट्र पुलिस ने थाना सिहानी गेट के लाल क्वार्टर एरिया से नेहरू नगर के विकास नामक उस व्यक्ति को हिरासत में लिया गया जो कि रैपर के डिजाइन तैयार करता था। ड्रग विभाग ने मेरठ से नकली जीवन रक्षक दवा के एक नए गिरोह का भंडाफोड किया। इस बीच ये भी उजागर हुआ कि ये गिरोह भी कोरोना की दूसरी लहर के बीच सक्रिय हुआ। बताते है कि गाजियाबाद जिले के साथ उसके आस-पास के जनदों में सुनियोजित तरीके से नकली जीवन रक्षक दवाईयों के कारोबार हो रहा है। दवा कारोबार से जुडे लोग मानते है कि पिछले तीन साल के दौरान थोक मेडिकल स्टोर के किस आधार पर लाइसेंस जारी किए गए,यदि पडताल होती है तो निश्चित तौर से चैकान्ने वाले तथ्यों का खुलासा होगा।