गाजियाबाद में युवा चला रहा था बाइक, ट्रैफिक पुलिस ने वाहन किया सीज और पिता पर ठोका  मुकदमा

नाबालिग को वाहन देने वाले पढ़ें! गाजियाबाद में युवा चला रहा था बाइक, ट्रैफिक पुलिस ने वाहन किया सीज और पिता पर ठोका मुकदमा

गाजियाबाद में युवा चला रहा था बाइक, ट्रैफिक पुलिस ने वाहन किया सीज और पिता पर ठोका  मुकदमा

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Ghaziabad News : आप भी यदि अपने बच्चों को उनके बालिग होने से पहले वाहन चलाने को देते हैं तो यह खबर आपके लिए है। एक बात स्पष्ट रूप से समझ लें, कम आयु में बच्चे को वाहन चलाने के ल‌िए देना उसकी और दूसरों की जान को खतरे में डालना है। इसके अलावा यदि आपका बच्चा निर्धारित आयु पूरी करने से पहले वाहन चलाता पकड़ा जाता है तो आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना तय है। आए दिन वाहन दुर्घटनाओं से हो रहीं मौतों और दिव्यांगता पर अंकुश लगाने के लिए यातायात पुलिस भी इस मामले में सख्ती बरत रही है।
 
टीएसआई पवन पांडेय की तहरीर पर हुई एफआईआर
सिहानीगेट थाने में न्यू कोटगांव निवासी वेद सिंह पुत्र हरेंद्र सिंह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस -2023) के अंतर्गत धारा-125 और मोटरयान अधिनियम- 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और उनके नाबालिग बेटे के कब्जे से मिली बाइक को सीज कर दिया गया है। टीएसआई पवन पांडेय ने सिहानी थाना पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि मेरी डयूटी राकेश मार्ग पर लगी है। जीटी रोड पर चौधरी मोड़ से एक बाइक सवार किशोर आता दिखाई दिया, जो देखने से नाबालिग लग रहा था। उसके रोककर ड्राईविंग लाइसेंस दिखाने का कहा गया, जो वह दिखा नहीं पाया। 

18 वर्ष से तीन माह कम थी आयु
ड्राईविंग लाइसेंस न दिखा पाने के बाद किशोर से उसकी आयु से संबंधित कोई दस्तावेज दिखाने को कहा गया। किशोर ने आधार कार्ड दिखाया तो सब साफ हो गया। किशोर की आयु 18 वर्ष पूरी होने में अभी तीन माह का समय शेष था। इस पर परिजनों को बुलाकर किशोर को उनके हवाले कर दिया गया और बाइक सीज कर दी गई। सिहानीगेट थाना पुलिस ने टीएसआई की तहरीर पर किशोर के पिता वेद सिंह पुत्र हरेंद्र सिंह निवासी न्यू कोटगांव के खिलाफ बीएनएस - 2023 के अंतर्गत धारा-125 और मोटरयान अधिनियम- 1988 के अंतर्गत धारा-199 (1) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

इस संबंध में क्या है कानून 
- मोटरयान अधिनियम -1988 में धारा- 199 (1) क्या है ः इस धारा के अंतर्गत दोष सिद्ध होने पर दोषी को 25 हजार रुपये जुर्माना या जेल भेजने का प्राविधान है। इसके साथ ही वाहन का रजिस्ट्रेशन 12 माह के लिए रद्द भी किया जा सकता है। 
- भारतीय न्याय संहिता-2023 में धारा - 125 क्या है ः एक जुलाई से लागू हुई भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा- 125 के मुताबिक नाबालिग के हाथ में वाहन देना दूसरे का जीवन खतरे में डालना है। इसके अंतर्गत दोषी को तीन वर्ष की सजा और 10 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

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