डेंगू से एनडीआरएफ जवान की मौत, निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज

Ghaziabad News : डेंगू से एनडीआरएफ जवान की मौत, निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज

डेंगू से एनडीआरएफ जवान की मौत, निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज

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Ghaziabad News : जिले में डेंगू जानलेवा बना हुआ है। इस बार डेंगू की चपेट में आए एनडीआरएफ जवान की मंगलवार को एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। अस्पताल में हो रहे इलाज व टेस्ट के बाद डेंगू की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा जवान को गंभीर ज्वांइटिस भी था। उसका पिछले एक सप्ताह से उपचार चल रहा था। निजी अस्पताल की ओर से स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दे दी गई है। इसके बाद टीम द्वारा अस्पताल में जानकारी जुटाई जा रही है।

क्या है पूरा मामला
कमला नेहरू नगर स्थित नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरफ) गाजियाबाद बटालियन में प्रदीप शुक्ला (33 वर्ष) तैनात थे। एक सप्ताह पहले जवान की तबीयत खराब होने पर बटालियन के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन, वहां हालात में सुधार नहीं होने पर उन्हें दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। यहां भी हालत में सुधार नहीं होने पर 18 सितंबर की सुबह गाजियाबाद स्थित गणेश अस्पताल में भर्ती किया गया। वहां उपचार के दौरान मंगलवार सुबह उनकी मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, प्रदीप शुक्ला को सीरियस ज्वाइंडिस भी था। एलाइजा टेस्ट के जरिए डेंगू की पुष्टि भी हुई थी। अस्पताल की ओर से मामले की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार रैपिड किट से की गई जांच को डेंगू की कन्फर्म रिपोर्ट नहीं माना जाता है। रैपिड किट में डेंगू की पुष्टि होने के बाद एलाइजा टेस्ट होना जरूरी होता है। डेंगू की पुष्टि एलाइजा टेस्ट के बाद ही होती है। प्रदीप शुक्ला को डेंगू के अलावा कई अन्य गंभीर बीमारियां भी थीं। उन्हें लिवर की समस्या होने पर उपचार चल रहा था। लेकिन, उपचार से उनके स्वास्थ्य को ज्यादा लाभ नहीं हो रहा था। प्रदीप शुक्ला डेंगू की चपेट में कहां आए थे, इसकी जांच की जा रही है। अस्पताल से उनकी डेथ समरी मांगी गई है। एनडीआरएफ में भी टीम भेजकर एंटी लार्वा स्प्रे और फागिंग करवाया जा रहा है।

अब तक हो चुकी हैं पांच की मौत
अब तक डेंगू की चपेट में आने से जिले में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि विभाग की ओर से दो ही मौतों की पुष्टि की गई है। इसमें एक युवा उद्यमी एवं एक महिला शामिल है। जबकि एक पुरुष और एक बच्चे की मौत भी हो चुकी है, लेकिन तीन मामलों में मरीजों का एलाइजा टेस्ट नहीं हुआ था। जवान का भी एलाइजा टेस्ट बाद में हुआ था, जिसमें डेंगू की पुष्टि हुई थी। स्वास्थ्य विभाग एलाइजा टेस्ट को ही कंफर्म मानता है।

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