गाजियाबाद में तालाब की भूमि से हटाया कब्जा, अब होगा सुंदरीकरण का काम

बुलडोजर की शक्ल में निकला एनजीटी का आदेश : गाजियाबाद में तालाब की भूमि से हटाया कब्जा, अब होगा सुंदरीकरण का काम

गाजियाबाद में तालाब की भूमि से हटाया कब्जा, अब होगा सुंदरीकरण का काम

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Ghaziabad News : गाजियाबाद के डासना में अवैध निर्माण की शिकायत पर जब प्रशासन ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की तो शिकायतकर्ता ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) का दरवाजा खटखटाया। वहां से बुलडोजर की शक्ल में आदेश निकला। उसके बाद गाजियाबाद के अधिकारियों ने तुरंत एक्शन लेते हुए 20 घरों पर बुलडोजर चला दिया। पिछले 18 वर्षों से गहरी नींद में सो रहे प्रशासन की नींद एनजीटी के आदेश के बाद खुली। अब प्रशासन का दावा है कि यहां सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाएगा।

यह है पूरा मामला  
डासना स्थित तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा हटाने और तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए शिकायतकर्ता अफसर अली पिछले तीन वर्षों से प्रयास कर रहे हैं। डासना में स्थित 84 बीघे का तालाब, जिसका खसरा संख्या 2076/2077/2078 है। यहां तालाब की साफ सफाई, सौंदर्यीकरण और पानी की निकासी को लेकर लगातार शिकायत दी जा रही थी। लगातार शिकायत दिए जाने के बाद भी अधिकारी किसी प्रकार की कार्रवाई करने को तैयार नहीं थे। अधिकारियों द्वारा समाधान नहीं मिलता देख शिकायतकर्ता अफसर अली एनजीटी में चले गए। शिकायतकर्ता की पिटीशन संख्या 48/2022 अफसर अली बनाम यूपी सरकार में एनजीटी ने तालाब से अवैध निर्माण हटाने और तालाब का सौंदर्यीकरण का आदेश दिया। उसके बाद डासना नगर पंचायत और उपजिलाधिकारी ने तालाब में साफ सफाई और पानी की निकासी का कार्य शुरू करा दिया। साथ ही राजस्व विभाग की टीम ने पुलिस बल के साथ उप जिलाधिकारी की मौजूदगी में तालाब पर पहुंचकर लगभग 20 से 22 चिह्नित घरों को ध्वस्त कर दिया। डासना नगर पंचायत इन कब्जाधारियों को वर्ष-2006 से नोटिस देती आ रही थी। इसके बावजूद कब्जा नहीं हटाया जा रहा था। 

पिटीशनर ने नहीं हारी हिम्मत
डासना नगर पंचायत स्थित तालाब के खसरा संख्या 2076/2077/2078, जिसका सम्मिलित रकबा 6.7530 हेक्टेयर है, इसके लगभग एक हेक्टेयर पर अवैध अतिक्रमण को आज नगर पंचायत डासना, पुलिस एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा ध्वस्त किया गया है। डासना नगर पंचायत इन अवैध निर्माण के विरुद्ध 2006 से नोटिस जारी करता आ रहा था। लेकिन, बार-बार शिकायत करने के बाद भी तालाब की भूमि पर कब्जा नहीं हटाया जा रहा था। इसके बाद शिकायतकर्ता ने एनजीटी की शरण ली। एनजीटी में पिटीशन दायर होने के बाद सुनवाई हुई और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर तालाब की भूमि को कब्जा मुक्त कराया।

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