नई टाउनशिप की योजना पूरी, रैपिड रेल ट्रैक के दोनों ओर बनेगी टीओडी, एक कदम और बढ़े

नए गाजियाबाद में बसने को हो जाइए तैयार : नई टाउनशिप की योजना पूरी, रैपिड रेल ट्रैक के दोनों ओर बनेगी टीओडी, एक कदम और बढ़े

नई टाउनशिप की योजना पूरी, रैपिड रेल ट्रैक के दोनों ओर बनेगी टीओडी, एक कदम और बढ़े

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Ghaziabad News : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) अब देश की पहली रीजनल रैपिड रेल के पास ही नया गाजियाबाद बसाने की तैयारी पर काम कर रहा है। रैपिड रेल के दोनों और पांच सौ मीटर तक ट्रांजिट ओरियंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) विकसित होगा। उसके बाद जीडीए जमीन खरीदकर नया गाजियाबाद बसाएगा। जमीन खरीदने पर आने वाले खर्च में से 50 फीसदी राशि शासन से मिलेगी। दरअसल नया गाजियाबाद अपने आपमें पूरी टाउनशिप होगी, मॉल और मल्टीप्लेक्स जैसी तमाम सुविधाओं के बीच आवासीय भूखंड उपलब्ध कराए जाएंगे। लोग जीडीए से भूखंड आवंटित होने के बाद खुद अपने आशियाना बना सकेंगे।

जमीन के लिए जीडीए को शासन से मिलेगी मदद
जीडीए वीसी अतुल वत्स ने बताया - नया गाजियाबाद विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जीडीए बोर्ड से इसकी मंजूरी लेने के बाद जल्द ही शासन को डीपीआर भेजी जाएगी। उन्होंने बताया उत्तर प्रदेश शासन की ओर से इस मद में गोरखपुर विकास प्राधिकरण के लिए दो हजार करोड़ रुपए और अलीगढ़ विकास प्राधिकरण 350 करोड़ मंजूर हो चुके है। दरअसल यह प्रस्ताव पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) में शासन को भेजा जाना चाहिए थे लेकिन इस मामले में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण पीछे रह गया। अब शासन के निर्देश पर प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। 

अवैध कालोनियों पर लगेगा अंकुश
जीडीए वीसी अतुल वत्स ने कहा - गाजियाबाद विकास प्राधिकरण दो दशक से कोई आवासीय भूखंड योजना नहीं ला पाया। इस वजह से गाजियाबाद के आसपास अवैध कालोनाइजर्स को मौका मिल गया। प्राधिकरण की भूखंड योजना न होने के कारण भोले-भाले लोगों को कालोनाइजर्स ने खूब ठगा। जीडीए का प्रवर्तन दस्ता अवैध निर्माण पर सतत निगरानी कर रहा है और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी की जा रही है, लेकिन अवैध कालोनियों में जब लोग रहने लगते तो बड़ी दिक्कत होती है। ऐसे में उन लोगों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाता है जो जीवन भर की कमाई लगाकर अवैध कालोनी में आशियाना बनाने का सपना देखकर फंस जाते हैं।
 
संपत्ति खरीदने से पहले ये जरूर करें
जनपद में अवैध निर्माणों की संख्या काफी है। कालोनाइजर्स लोक लुभावने वायदे कर भोले भाले लोगों को फंसा लेते हैं। जब तक उन्हें संपत्ति की सही स्थिति का पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। जीडीए वीसी अतुल वत्स ने अपील की है कि जीडीए अधिसूचित क्षेत्र में कोई भी संपत्ति खरीदने से पहले जीडीए उसके बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

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