Ghaziabad News : प्रमोद कृष्णम ने जातीय जनगणना पर एक नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना राजनीतिक दल केवल अपने स्वार्थ के लिए कराना चाहते है। यदि बिहार सरकार इतनी ही हितैषी है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दलित सीएम को मौका देना चाहिए और उन्हें तुरंत कुर्सी छोड़ देना चाहिए।
क्या है पूरा मामला
जातीय जनगणना पर कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कुछ लोग हैं जो जाति एवं धर्म के नाम पर बांटना चाहते हैं दोनों ही कंडीशन में बट देश ही रहा है। देश के विभाजन की जरूरत नहीं है, विमर्श की जरूरत है। भारत का संविधान बाबा साहेब का संविधान है। जो उत्कृष्ट घोषणा करता है कि जाति धर्म एवं लिंग के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। नेताओं को सोचना चाहिए कि सत्ता बड़ी है या देश बड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि यह भी कहा कि अगर जाति के हिसाब से पद तय होते हैं तो इस लिहाज से बिहार में दलितों की संख्या ज्यादा है। मुसलमान की संख्या ज्यादा है। तब वहां कोई दलित या मुसलमान मुख्यमंत्री होना चाहिए। इतना ही नहीं नीतीश को एक मिसाल पैदा करनी चाहिए और अपने पद को त्याग कर किसी दलित को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग राज्य बनाने पर कहा कि पाकिस्तान तो पहले ही बन चुका है अब किसी और पाकिस्तान की जरूरत हमें नहीं है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि कितनी दीवारें हो गई इस घर के दरमियान घर ही कहीं छुप गया इन दीवारों के दरमियान। विभाजन किसी सूरत हल नहीं होना चाहिए। पहले ही देश में बहुत बटवारा हो चुका है।