संपत्ति कामर्शियल, संपत्ति कर आवासीय

गाजियाबाद नगर निगम में खेल : संपत्ति कामर्शियल, संपत्ति कर आवासीय

संपत्ति कामर्शियल, संपत्ति कर आवासीय

Tricity Today | ghaziabad nagar nigam

Ghaziabad News : नगर निगम का भी अजीब खेल है। अधिकारी राजस्व बढ़ाने के लिए डीएम सर्किल रेट पर संपत्ति कर लगाने की बात करते हैं, दूसरी ओर व्यवसायिक संपत्ति पर आवासीय संपत्ति की दर से कर लगाया जा रहा है। यह काम नगर निगम कर्मचारियों ने राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर (आरडीसी) यानि गाजियाबाद के सबसे बड़े और मुख्य कामर्शियल हब में कर दिखाया है। यह एक मामला तो बानगी भर है, पता नहीं नगर निगम कर्मचारी व्यक्तिगत लाभ के लिए और कहां निगम के खाते में सेंध लगाने का काम कर रहे हैं।

मेयर ने खोला निगम का गोरखधंधा
हैरतअंगेज बात यह भी है कि मेयर सुनीता दयाल ने खुद शहर के सबसे बड़े कॉम‌र्शियल हब राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर (आरडीसी) में चल रहे इस गोरखधंधे का खुलासा किया है। उन्होंने मामले से नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक को अवगत कराया है। नगरायुक्त मामले की जांचकर सख्त कार्रवाई की बात कह रहे हैं। बता दें कि मेयर सुनीता दयाल जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर अक्सर मुखर रहती हैं और नगर निगम की संपत्तियों का भी उन्हें उतना ही ख्याल है। नगर निगम की भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के मामले में भी वह हमेशा आक्रामक नजर आती हैं।

नगर निगम आय बढ़ाने के डीएम सर्किल रेट पर कर लगाना चाहता है
नगर निगम ने नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर लगाने की तैयारी कर ली है। मामले में पांच बार क‌े निगम पार्षद राजेंद्र त्यागी ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर पार्टी को चुनाव में नुकसान होने का अंदेशा जताया तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों की आंखें खुलीं और फिर एक सुर में नगर निगम के इस प्रस्ताव का विरोध करने की घोषणा की। पिछले सप्ताह नगर निगम की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी लेकिन उसके एक दिन पहले कार्यकारिणी सदस्यों के चुनाव में बखेड़ा खड़े हो जाने से शनिवार को प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी।

सड़क की चौड़ाई से तय होती संपत्ति कर की दर
नगर निगम मे सड़क की चौड़ाई के हिसाब से संपत्ति कर निर्धारित करने की व्यवस्था है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि नगर निगम कर्मचारी संपत्ति को मौके पर जाकर ही न देखें और दफ्तर में बैठे बैठे कर निर्धारण करते रहें। आरडीसी में अधिकांश संपत्तिया व्यावसायिक हैं। एक ही लाइन में एक सी संपत्तियों का करण निर्धारण अलग - अलग पाए जाने पर मेयर को किसी ने शिकायत भेजी। उन्होंने शिकायत पर संज्ञान लेकर जांच कराई तो कर विभाग के कर्मचारियों का गोरखधंधा सामने आ गया है। 

बीकानेर स्वीट्स वाली सड़क पर हुआ खेल
आरडीसी में बीकानेर स्वीट्स वाली सड़क के पास तीन-चार ऐसे भवनों की पहचान की गई जो 24 मीटर से ज्यादा चौड़ी सड़क पर स्थित हैं लेकिन, इन्हें इन भवनों के बिल 12 मीटर तक चौड़ी सड़क पर टैक्स की दर से भेजे गए हैं। इस खेल को अंजाम देने के लिए संबंधित भवन के सामने वाली सड़क की चौड़ाई कम दिखा दी गई जबकि उसी लेन के बगल भवन के सामने सड़क की चौड़ाई अधिक दर्शाई गई। बस, सड़क की चौड़ाई में फेरबदल करते ही कर्मचारी की जेब गर्म हो गई और निगम के खाते में सेंध लग गई।

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