Ghaziabad News : वेव सिटी के लेआउट प्लान पर मंजूरी नहीं मिलने से लगभग दो हजार से ज्यादा खरीदारों की रजिस्ट्री अटक गई है। उप्पल चड्ढा हाउसिंग डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से विकसित की जा रही हाईटेक टाउनशिप वेव सिटी की संशोधित डीपीआर सीएजी ऑडिट की एक आपत्ति के कारण अटक गई थी। वेव सिटी को पूर्व में जारी एक शासनादेश के आधार पर भू उपयोग परिवर्तन शुल्क में दी गई 401 करोड़ की छूट पर भारत के नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने आपत्ति लगा दी थी। इस कारण से जीडीए बोर्ड संशोधित डीपीआर और मानचित्र को स्वीकृति नहीं दे रहा था।
यह है पूरा मामला
अब हाईटेक टाउनशिप वेव सिटी के मानचित्र को स्वीकृति देने के लिए शासन स्तर पर गठित हाई पावर कमेटी ने निर्णय लिया और ऑडिट आपत्ति में दर्शायी गई 401 करोड़ की देनदारी के एवरेज में इतनी ही मूल्य की जमीन जीडीए में बंधक रखने का फैसला लिया गया था। इसके बाद जीडीए अधिकारियों ने बोर्ड बैठक में वेव सिटी की संशोधित डीपीआर और मानचित्र स्वीकृति का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। बोर्ड में संशोधित डीपीआर को तो मंजूरी दे दी गई लेकिन मानचित्र स्वीकृत पर फैसला नहीं लिया। बोर्ड ने मानचित्र की स्वीकृति पर जीडीए उपाध्यक्ष को निर्णय लेने के लिए कहा है। वही अब जीडीए उपाध्यक्ष भी अपने स्तर पर फैसला लेने की बजाय कमेटी गठित कर सामूहिक निर्णय लेने की तैयारी कर रहे है।
दो हजार रजिस्ट्री अटकी
इसके लिए गठित अधिकारियों की कमेटी पहले वेव सिटी के संशोधित मानचित्र का परीक्षण करेगी और इसके आधार पर जीडीए उपाध्यक्ष को रिपोर्ट देगी। इस कमेटी में जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह कमेटी के अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा अपर सचिव सीपी त्रिपाठी मुख्य नगर नियोजक एके सिंह, प्रभारी मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह, एनसीडी सेल के प्रमुख कोऑर्डिनेटर प्लानर एसी गौड़ मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन के प्रतिनिधि कृष्ण मोहन नगर नियोजक अरविंद कुमार और प्रवर्तन जोन 5 के शहर अभियंता को इस कमेटी में सदस्य बनाया गया है। मानचित्र की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण वेव सिटी में लगभग दो हजार फ्लैट और भूखंडों की रजिस्ट्री अटकी हुई है। यदि जीडीए उपाध्यक्ष मानचित्र पर स्वीकृति दे देते हैं तो यह वेव सिटी में भूखंड और फ्लैट खरीदारों के लिए एक खुश खुशखबरी होगी।