गाजियाबाद के एसएसपी अमित पाठक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भोजपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक और एसएसआई को सस्पेंड कर दिया है। इन दोनों को गौ-तस्करों से रिश्वत लेकर दूसरी धाराओं में मामला दर्ज करने का दोषी पाया गया है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। पूरा मामला तब उजागर हुआ जब घटना के वक्त रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
तस्कर से रिश्वत लेने का आरोप
दरअसल गत दिनों गाजियाबाद के भोजपुर पुलिस स्टेशन में तैनात इंचार्ज प्रदीप कुमार और एसएसआई शकील अहमद ने मवेश तस्करी के आरोप में एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि वह कटान के लिए मवेशियों को ले जा रहा था। लेकिन दोनों पुलिसकर्मियों ने तस्कर से रिश्वत लेकर उसे आर्म्स एक्ट के तहत मामला पंजीकृत कर जेल भेज दिया। अधिकारियों ने रिकॉर्ड में लिखा कि उसे रात में सड़क पर घूमते हुए पकड़ा गया। उसके पास से अवैध चाकू बरामद किया गया था।
वीडियो वारयल होने के बाद फंसा पेंच
इसके अगले ही दिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया। इसमें देखा जा सकता है कि आरोपी तस्कर को स्थानीय लोगों ने मवेशियों के मांस के साथ पकड़ा था। स्थानीय लोगों ने कहा कि दोनों पुलिसकर्मियों प्रदीप कुमार और शकील अहमद ने मवेशी तस्कर से रिश्वत ली। उसके खिलाफ तस्करी की धाराओं के बजाय आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया। एक यूजर ने सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गाजियाबाद के डीआईजी अमित पाठक को टैग करते हुए वह वीडियो शेयर किया था।
जल्द दर्ज होगा मुकदमा
गाजियाबाद ग्रामीण के एसपी डॉक्टर ईराज राजा ने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की जांच की गई। पाया गया कि उन्होंने रिश्वत ली है। इसलिए फिलहाल उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। उनके खिलाफ डिपार्टमेंटल इंक्वायरी शुरू कर दी गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों के खिलाफ जल्द ही शहर के भोजपुर पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
गो-वध और तस्करी गंभीर अपराध है
विभागीय जांच पूरी होने के बाद उन्हें हवालात भेजा जाएगा। दरअसल उत्तर प्रदेश में गोवध और मवेशी तस्करी पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (National Security Act - NSA) और गैंगेस्टर एक्ट (Gangster Act) के तहत कार्रवाई की जाती है। इन एक्ट के तहत पुलिस को यह अधिकार है कि वह किसी आरोपी को 1 साल से ज्यादा वक्त तक सिर्फ शक के आधार पर हिरासत में रख सके। एक यूजर ने वीडियो को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिले के डीआईजी अमित पाठक को भी भेजा था।