वसुंधरा में महिलाओं ने की मस्ती, जानें तीज के बारे में सब ‌कुछ

गाजियाबाद में तीज की धूम : वसुंधरा में महिलाओं ने की मस्ती, जानें तीज के बारे में सब ‌कुछ

वसुंधरा में महिलाओं ने की मस्ती, जानें तीज के बारे में सब ‌कुछ

Tricity Today | मंच पर फोटो सेशन के दौरान तीजोत्सव में शामिल महिलाएं

Ghaziabad News : सावन माह में कांवड़ के बाद हरियाली तीज का भी बड़ा महत्व है। इस मौके पर महिलाओं के अपने मायके जाकर बाग में ‌सखियों संग झूला झूलने और तीज खेलने की परंपरा थी, हालांकि बदलते समय के साथ इसमें काफी बदलाव आया गया है। खेत खलिहानों का यह त्यौहार अब बड़े शहरों में पहुंच गया है। महिलांए क्विज खेलती हैं, लेकिन सजने संवरने का चलन बदस्तूर जारी है। तीज क्वीन चुनी जाने लगी हैं। पेड़ों में पड़ने वाला झूला भी अब सांकेतिक रह गया है, लेकिन फिर भी महिलाओं को इस त्यौहार का इंतजार रहता है।

पार्षद शिल्पा चौधरी ने किया दीप प्रज्वलन
बदले हुए अंदाज में ही सही, वसुंधरा में यामी शिक्षा समिति ने तीजोत्सव का आयोजन किया। सेक्टर- 15 में कमाड़ो ओपी सिंह एवं यामी शिक्षा समिति की अध्यक्ष दीपमाला चौधरी के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं ने क्विज में खूब माथापच्ची की तो गीतों का आनंद भी उठाया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से किया गया। बतौर मुख्य अतिथि पहुंची वार्ड- 61 की पार्षद शिल्पा चौधरी और वंदना सोनी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।

मोमिता बासु चुनी गईं तीज क्वीन
तीज क्विज कांटेस्ट में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और मुश्किल टास्क को हल करके यह साबित कर दिया कि मु‌श्किलों से लड़ना उन्हें आता है। तीज क्वीन का सलेक्शन करने के नामित ज्यूरी में डॉ. अनिल तोमर, श्वेता आनंद और पूनम भारद्वाज शामिल रहीं। विशुद्ध भारतीय परिधान में परफोर्म कर औ ज्यूरी के सवालों दो-चार होते हुए मोमिता बासु ने तीज क्वीन का सम्मान अपने नाम कर लिया। डा. अनिल तोमर ने मोनोमिता वासु को तीज क्वीन का सैश पहनाकर सम्मानित किया। मीना बिष्ट सेकंड और विनीता बिष्ट थर्ड रनर रहीं। कार्यक्रम में यामी परिवार से गुरप्रीत कौर,आशु वालिया, मेघा वर्मा, अंशु धवन, लव कुश तिवारी, हरप्रीत कौर, सुनीता और नीतू सिंह का विशेष सहयोग रहा।

क्यों मनायी जाती है तीज
पुराणों में उल्लेख है कि भगवान शंकर और माता पार्वती के पवित्र रिश्ते को सम्मान देने के लिए महिलाएं हरियाली तीज मनाती हैं। बताया गया है कि भगवान शिव ने माता पार्वती की तपस्या को सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को स्वीकार किया था। उसके बाद से ही इस तिथि पर अखंड सौभाग्य की कामना के साथ महिलाएं तीज का त्यौहार मनाती हैं। युवतियां अच्छा वर पाने की कामना से तीज का व्रत करती हैं। हरियाली तालिका का व्रत निर्जला करना होता है, इस दिन महिलाओं को रात में सोना वर्जित होता है। महिलाएं पूरी रात ‌शिव की आराधना में लीन रहती हैं।

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