नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के इस प्लान से भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश, बाबुओं की दखल भी खत्म होगी, पढ़िए खास रिपोर्ट

गाजियाबाद से बड़ी खबर : नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के इस प्लान से भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश, बाबुओं की दखल भी खत्म होगी, पढ़िए खास रिपोर्ट

नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के इस प्लान से भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश, बाबुओं की दखल भी खत्म होगी, पढ़िए खास रिपोर्ट

Tricity Today | Mahendra Singh Tanwar

Ghaziabad News : गाजियाबाद नगर निगम द्वारा शहर में कराए जाने वाले विकास कार्यों में पूरी तरह से पारदर्शिता लाने और हर काम की जानकारी करने के लिए विकास कार्यों को लेकर ऑनलाइन व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने एक साल पहले निगम के सभी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए यह संकल्प लिया था। इसी संकल्प के साथ अब विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की गई है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और निर्माण कार्यों को तय समय पर पूरा कराने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कराया है।

बाबुओं की दखल भी खत्म होगी
प्रेसवार्ता के दौरान नगर आयुक्त महेंद्र सिंह बताया कि इससे विकास कार्यों पर नजर रहेगी। इसके अलावा सॉफ्टवेयर में अब अनावश्यक विकास कार्य स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इस तरह फाइलों में बाबुओं की दखल अंदाजी भी खत्म हो जाएगी। वहीं, नगर निगम के जलकल, निर्माण, स्वास्थ्य, उद्यान और प्रकाश आदि विभागों में कार्य भी पारदर्शिता से होंगे।

अब नहीं उठेंगे गुणवत्ता पर सवाल 
उन्होंने कहा कि यह विभाग वार्डों में विकास कार्य कराते हैं। टेंडर छोड़ने से पहले प्रस्ताव तैयार होता है, लेकिन कई बार ऐसे प्रस्ताव पास करा लिए जाते हैं जिनकी जरूरत नहीं होती। उदाहरण के तौर पर किसी वार्ड में यदि सड़क पहले से ही है तो उसे फिर बनवाने का प्रस्ताव तैयार कर टेंडर छोड़ दिया जाता है। इस तरह ठेकेदार का भुगतान कराने के नाम पर खेल चलता है। अधिकारी मौके पर जाए बिना ही निर्माण कार्य पूरा होने की रिपोर्ट लगा देते हैं। निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच तक नहीं होती। अधिकारियों की लापरवाही का ठेकेदार फायदा उठाकर घटिया निर्माण सामग्री लगा देते हैं। ऐसे में गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाते हैं। 

पूरी जानकारी सॉफ्टवेयर पर होगी
इसके अलावा वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद भी ठेकेदार निर्माण कार्य नहीं करते। जिस कार्य को पूरा करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। वह समय पर पूरा नहीं हो पाता। इससे  योजनाओं का लोग समय पर लाभ नहीं उठा पाते। लेकिन अब निगम इस तरह की व्यवस्था खत्म करने जा रहा है। इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की गई है। इसके लिए पीटूपी नाम से एक सॉफ्टवेयर तैयार है। अब इस तरह काम होगा।

वर्क आर्डर का बार कोड होगा
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह ने बताया किसी भी विकास कार्य शुरू होने से पहले उसका प्रस्ताव सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना होगा। संबंधित विभाग के अधिकारी ने प्रस्ताव किस आधार पर अपलोड किया इसकी जानकारी देनी होगी। अनावश्यक प्रस्ताव स्वीकार नहीं होगा। प्रस्ताव मंजूरी के बाद टेंडर में गए या नहीं इसकी जानकारी रहेगी। फाइनल टेंडर के बारे में पता रहेगा। विकास कार्य शुरू कराने के लिए वर्क ऑर्डर कब जारी हुए। इस बारे में विभाग के अध्यक्ष को पता रहेगा। हर वर्क ऑर्डर पर बार कोड़ रहेगा। इससे यह फायदा होगा कि किस ठेकेदार के पास कौन सा कार्य है। उस विकास कार्य की स्थिति के बारे में तुरंत पता चल जाएगा। किस ठेकेदार के पास कितना काम है यह जानकारी भी रहेगी। इसके अलावा अधिकारी साइट पर आसानी से पहुंच जाएंगे। 

एप के जरिए होगी पूरे कार्य की निगरानी
एप के जरिए ही संबंधित विभाग का अधिकारी को साइट की फोटो सॉफ्टवेयर पर अपलोड करनी होगी। सॉफ्टवेयर पर हर परियोजना की जानकारी उपलब्ध होने से ऑनलाइन निगरानी रहेगी। किस प्रोजेक्ट को कब खत्म होना था। इसका पता चल सकेगा। परियोजना में देरी होने से अधिकारी और ठेकेदार से जवाब तलब किया जाएगा। इसको लेकर जिम्मेदारी भी निर्धारित हो जाएगी।

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