Ghaziabad New : दिल्ली- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाए जा रहे अंडरग्राउंड स्टेशन एनवायरमेंट कंट्रोल सिस्टम से लैस होंगे। यात्री इन स्टेशनों पर न केवल अच्छा फील करेंगे बल्कि सुरक्षित भी रहेंगे। दरअसल एनसीआरटीसी का प्रयास है कि यात्रियों की सुविधाओं को खूब ख्याल रखा जाए ताकि आरआरटीएस में उनका सफर सुखद और सुरक्षित हो। इसके लिए अंडर ग्राउंड स्टेशनों पर प्रभावी एनवायरनमेंट कंट्रोल सिस्टम (ईसीएस) स्थापित किया जा रहा है, यात्रियों को निरंतर ताजी हवा मिलती रहे और वेंटिलेशन को लेकर कोई समस्या न हो। ईसीएस हवा को ताजा बनाए रखने और तापमान नियंत्रित रखने का काम करेगा।
इन चार स्टेशनों पर लगेगा ईसीएस
यह ईसीएस दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के सभी चार भूमिगत स्टेशनों, दिल्ली में आनंद विहार और मेरठ में मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल में स्थापित किया जा रहा है। बता दें कि यह स्टेशन भूतल के नीचे 8 से 23 मीटर पर बनाए जा रहे हैं। दरअसल अंडरग्राउंड स्टेशन एलिवेटेड स्टेशनों की तुलना में सीमित वायु प्रवाह होता है। इन स्टेशनों में हवा की गुणवत्ता बेहतर बनाए रखने के लिए ईसीएस की व्यवस्था की जा रही है।
एएचयू से बेहतर होती है एयर क्वालिटी
इस सिस्टम में अत्याधुनिक ऊर्जा-कुशल एयर हैंडलिंग यूनिट (एएचयू) होती हैं, जिन्हें एयर क्वालिटी मानकों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक मोटर होती हैं, जो एनर्जी लॉस को कम करने में मदद करती हैं और ऐसा वातावरण उपलब्ध कराती है जिसमें व्यक्ति स्वयं को ज्यादा तरोताजा महसूस करता है। इसके अलावा यह वातावरण एयर इंफेक्शन को भी कंट्रोल करता है। अंडरग्राउंड स्टेशनों पर अल्ट्रावाइलेट-सी लाइटों का प्रयोग किया जा रहा है। अनकूल तापमान के लिए वाटर कूल्ड चिलर लगे होंगे जो नमी का लेबल भी मेनटेन रखने का काम करेंगे।
CO2 सेंसर भी लगेंगे
इसीएस के तहत स्टेशनों में एयर क्वालिटी मेंटेन करने के कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) सेंसर लगे होंगे। सेंसर का काम होगा एयर क्वालिटी बनाए रखने के लिए एयर सर्कुलेशन मेंटेन करना। प्रभावी ईसीएस स्टेशनों के भीतर वायु गुणत्ता बेहतर रखते हुए आवश्यकतानुसार वातावरण को गर्म या ठंडा बनाए रखने में मदद करेगा।
मेरठ में स्टेशन गहरे और लंबे हैं
मेरठ में, मेरठ सेंट्रल और भैंसाली भूमिगत एमआरटीएस स्टेशनों की लंबाई ज्यादा है, जबकि स्टेशन प्लेटफॉर्म सिर्फ 75 मीटर लंबे हैं। इस वजह से इन स्टेशनों में इस सिस्टम के तहत वातावरण को अनुकूलित बनाना चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन एनसीआरटीसी इस कार्य को प्रभावी ढंग से कर रहा है। यहाँ मेट्रो ट्रेनों और आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए 2-2 यानी 4 ट्रैक बनाए गए हैं।
आनंद विहार मात्र आठ मीटर गहरा होगा
दिल्ली में आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन की गहराई मात्र आठ मीटर होने की वजह से एनसीआरटीसी ने ईसीएस पंखों को स्थापित करने के लिए कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म दोनों हिस्सों का उपयोग किया है, जबकि आमतौर पर ये पंखे स्टेशन के एक ही लेवल पर लगाए जाते हैं। इस स्टेशन में इन पंखों को पारंपरिक समानांतर ढंग से स्थापित करने के बजाए एक दूसरे के लंबवत स्थापित किया गया है। यह एनसीआरटीसी द्वारा किया गया एक अनूठा प्रयास है, जिसके जरिए यहां जगह की कमी की चुनौती का समाधान किया गया है।