गाजियाबाद कोर्ट ने वलीउल्लाह को ठहराया दोषी, 6 जून को अगली सुनवाई

वाराणसी ट्रिपल सीरियल ब्लास्ट मामला : गाजियाबाद कोर्ट ने वलीउल्लाह को ठहराया दोषी, 6 जून को अगली सुनवाई

गाजियाबाद कोर्ट ने वलीउल्लाह को ठहराया दोषी, 6 जून को अगली सुनवाई

Google Image | गाजियाबाद कोर्ट ने वलीउल्लाह को ठहराया दोषी

Ghaziabad/Varanasi News : वाराणसी सीरियल ब्लास्ट मामले में शनिवार को गाजियाबाद कोर्ट में सुनवाई की है। गाजियाबाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए वलीउल्लाह को दोषी ठहराया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 जून (सोमवार) को होगी। आज (शनिवार) की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायधीश जितेंद्र कुमार ने की है। उन्होंने ही वलीउल्लाह को दोषी ठहराया है। वाराणसी सीरियल ब्लास्ट मामले में 16 लोगों की मौत हुई थी।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते 7 मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। पहला बम धमाका 7 मार्च की शाम 6:15 बजे वाराणसी के लंका थानाक्षेत्र में संकटमोचन मंदिर में हुआ था। इसमें 7 लोग मारे गए थे, जबकि 26 घायल हुए थे। उसी दिन 15 मिनट के बाद 6:30 बजे दशाश्वमेध घाट थानाक्षेत्र में जम्मू रेलवे फाटक की लाइन के पास कुकर बम मिला था। इसके ठीक पांच मिनट बाद 6:35 बजे जीआरपी वाराणसी थानाक्षेत्र में वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रथम श्रेणी विश्राम कक्ष के सामने धमाका हुआ था। इसमें 9 लोग मारे गए थे और 50 लोग घायल हुए थे। तीनों मामलों में 16 लोगों की मौत और 76 लोग घायल हुए थे।

प्रयागराज का रहने वाला है वलीउल्लाह
सीरियल ब्लास्ट के सिलसिले में यूपी पुलिस ने 5 अप्रैल 2006 को प्रयागराज जिले के फूलपुर गांव निवासी वलीउल्लाह को गिरफ्तार किया था। पुख्ता सबूतों के साथ पुलिस ने दावा किया कि संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन वाराणसी पर धमाके की साजिश रचने में वलीउल्ला का ही हाथ था। पुलिस ने वलीउल्लाह के संबंध आतंकी संगठन से भी बताए थे। 

24 दिसंबर 2006 को गाजियाबाद स्थानांतरित हुआ मामला
हाईकोर्ट के आदेश पर 24 दिसंबर 2006 को यह मामला सुनवाई के लिए गाजियाबाद स्थानांतरित हुआ था। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश शर्मा ने बताया कि अभियोजन की तरफ से जीआरपी कैंट धमाके में 54, संकट मोचन धमाके में 47 और दशाश्वमेध घाट मामले में 20 गवाह पेश किए गए थे, जबकि बचाव पक्ष की तरफ से तीनों मामलों में तीन-तीन गवाह पेश किए गए थे। शनिवार को सुनवाई के लिए आतंकी वलीउल्लाह कड़ी सुरक्षा में डासना जेल से गाजियाबाद अदालत में पेश हुआ।

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