गाजियाबाद कलेक्ट्रेट में महिला अधिकारी और कर्मचारी की पत्नी आमने-सामने, बर्खास्त होने के बाद भी लगाए गंभीर आरोप

बड़ी खबर : गाजियाबाद कलेक्ट्रेट में महिला अधिकारी और कर्मचारी की पत्नी आमने-सामने, बर्खास्त होने के बाद भी लगाए गंभीर आरोप

गाजियाबाद कलेक्ट्रेट में महिला अधिकारी और कर्मचारी की पत्नी आमने-सामने, बर्खास्त होने के बाद भी लगाए गंभीर आरोप

Tricity Today | जिला कार्यालय गाजियाबाद

Ghaziabad News : जिला पूर्ति अधिकारी ने विभाग के एक कर्मचारी की पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने का मामला सुर्खियों में है। कलेक्ट्रेट में इस मुकदमे की खूब चर्चा हो रही है और अधिकारी की कार्रवाई की निंदा भी की जा रही है। आरोप लग रहे हैं कि जिला पूर्ति अधिकारी ने अपनी खुन्नश मिटाने के लिए कर्मचारी की पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। दरअसल पूर्ति अधिकारी ने कर्मचारी की पत्नी पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है। जबकि कर्मचारी ही पिछले कई महीनों से निलंबित है। ऐसे में सवाल यही उठ रहे हैं कि किसी निलबिंत कर्मचारी की पत्नी रिश्वत कैसे मांग सकती है। कलेक्ट्रेट का यह विवाद आने वाले समय में और गहरा सकता है। इस मामले में हाईकोर्ट ने भी कर्मचारी के निलंबन की कार्रवाई को अवैध ठहराते हुए उसे तत्काल बहाल करने का आदेश दिया है।

हाइकोर्ट के आदेश के बाद महिला का उत्पीड़न बढ़ा
आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद पीड़ित कर्मचारी का उत्पीड़न और बढ़ गया है। इस मामले में अब कर्मचारी के परिवार को भी कानूनी फसाद में फंसाया जा रहा है। जिला पूर्ति विभाग में तैनात कर्मचारी सचिन कुमार के खिलाफ  जिला पूर्ति अधिकारी डॉ. सीमा वालियान ने फूड कमिश्नर (खाद्य आयुक्त) से शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर जिला खाद्य विपणन अधिकारी रोली सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुये सचिन कुमार को निलंबित कर दिया गया। 

महिला के पति ने मांगा इंसाफ
निलंबन की कार्रवाई को गलत बताते हुए सचिन कुमार ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की। हाईकोर्ट ने सचिन कुमार की बातों को सही माना और निलंबन की कार्रवाई को अनुचित मानते हुए उसे तत्काल बहाल करने का आदेश दिया। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद विवाद और बढ़ गया है। आरोप लग रहा है कि जिला पूर्ति अधिकारी डॉ. सीमा वालियान पूर्ति लिपिक सचिन कुमार से रंजिश रखती है और कर्मचारी का उत्पीडऩ किया जा रहा है। अभी तक तो मसला अधिकारी और कर्मचारी के बीच ही था लेकिन जिला पूर्ति अधिकारी ने इस मामले में कर्मचारी की पत्नी सुषमा को भी घसीट लिया है। जिला पूर्ति अधिकारी डॉ. सीमा ने सचिन और उसकी पत्नी सुषमा पर रिश्वत मांगने, धमकी देने, सरकारी कार्य में बाधा डालने सहित अन्य आरोप लगाते हुए कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। कर्मचारी की पत्नी पर रिश्वत मांगने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने की आलोचना भी हो रही है। सवाल उठ रहा है कि जो कर्मचारी निलंबित है उसकी पत्नी किसी से कैसे रिश्वत मांग सकती है। 

हाइकोर्ट ने महिला के पक्ष में सुनाया फैसला
निलंबन को गलत मानते हुए हाईकोर्ट ने भी पीड़ित कर्मचारी सचिन की बहाली का आदेश दिया था। ऐसे में कलक्ट्रेट में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कोर्ट का आदेश अधिकारी को अच्छा नहीं लगा और अब वह पीड़ित कर्मचारी और उसके परिवार पर मुकदमा दर्ज कराकर और परेशान करना चाहती हैं। कलेक्ट्रेट के कर्मचारी ने बताया कि जिला पूर्ति अधिकारी के खिलाफ कई शिकायतें आई है और उन्हें आशंका है कि यह शिकायतेंं सचिन कुमार द्वारा करवाई गई है।

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