वाल्मीकि समाज के कार्यकर्ताओं ने राकेश टिकैत का पुतला फूंका, जानें वजह

बड़ी खबरः वाल्मीकि समाज के कार्यकर्ताओं ने राकेश टिकैत का पुतला फूंका, जानें वजह

वाल्मीकि समाज के कार्यकर्ताओं ने राकेश टिकैत का पुतला फूंका, जानें वजह

Tricity Today | पुतला जलाते समाज के लोग

गाजियाबाद में पुलिस को चकमा देकर वाल्मीकि समाज के लोगों ने पार्षद यशपाल पहलवान की अगुवाई में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय पवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का पुतला फूंका। उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सोमवार को वाल्मीकि समाज के लोगों ने धरना किया था। पुलिस धरना स्थल पर पुतला आने का इंतजार करती रही। जबकि समाज के लोगों ने दूसरे स्थान पर पुतला फूंककर प्रदर्शन किया।

बताते चलें कि 30 जून को अमित वाल्मीकि के काफिला निकालने पर प्रदर्शनकारी किसानों और भाजपा नेताओं के बीच जमकर झड़प हुई थी। दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे है। किसान नेता वाल्मीकि समाज को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार पंचायतें कर रहे हैं। जबकि गाजियाबाद में पार्षद यशपाल पहलवान के नेतृत्व में आंदोलन चलाया जा रहा है। एक दिन पूर्व ही वाल्मीकि समाज ने भाकियू नेता राकेश टिकैत की शवयात्रा निकाल कर पुतला फूंके जाने का ऐलान किया था। 


शवयात्रा निकाले जाने का समय सोमवार सुबह 11 बजे तय किया गया था। जिसे देखते हुए नवयुग मार्किट स्थित वाल्मीकि पार्क में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। समाज के लोग पार्क में ही धरना देकर बैठे रहे। धरना स्थल पर शवयात्रा निकाले जाने को लेकर कोई हलचल ना होती देख वहां तैनात पुलिसकर्मी गेट पर ही खड़े रहे। पुलिस की तैयारी थी कि पार्क से शवयात्रा को निकालने से रोका जाएगा। इसके लिए गेट पर ही दर्जनों पुलिस के जवान तैनात किए गए थे।

पुलिस की तैयारियों को धत्ता बताते हुए वाल्मीकि समाज के लोगों ने एक-एक कर दूसरे रास्ते से पार्क से निकलना शुरू कर दिया। इससे पहले कि पुलिस कुछ समझ पाती, नवयुग मार्केट स्थित पीएनबी बैंक चौराहे पर कुछ दूरी तक शवयात्रा निकाल कर राकेश टिकैत का पुतला फूंक दिया गया। पार्क से बाहर नारेबाजी होते देख पुलिसकर्मी उस तरफ बढ़े। मगर तब तक पुतला फूंक दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने जलते हुए पुतले को चौराहे से हटाया।

भाजपा नेता प्रदीप चौहान व पार्षद यशपाल पहलवान ने कहा कि पुलिस ने उन्हें रोकने की पूरी तैयारी की थी, लेकिन उन्होंने पहले ही इसका इंतजाम कर पार्क के बाहर पुतला जला दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह अमित वाल्मीकि के काफिले पर किसानों ने हमला किया और नारेबाजी की, ऐसे लोग किसान नहीं हो सकते। जब तक इस मामले के दोषियों और राकेश टिकैत पर कार्रवाई नहीं हो जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन करने वालों में आशु चारण वाल्मीकि, संजीव वाल्मीकि, अनिल कल्याणी वाल्मीकि, परवीन गहलौत, सनी वाल्मीकि, नीरज वाल्मीकि आदि मौजूद रहे।

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