ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब स्थिति में, जानें अन्य शहरों का हाल

NCR Air Pollution : ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब स्थिति में, जानें अन्य शहरों का हाल

ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब स्थिति में, जानें अन्य शहरों का हाल

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बुधवार को ग्रेटर नोएडा  सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां एक्यूआई 306 दर्ज किया गया। हालांकि पहले के मुकाबले एनसीआर के सभी शहरों में वायु गुणवत्ता में अपेक्षात्मक सुधार हुआ है। इससे लोगों को भी राहत मिली है। लेकिन पिछले एक-दो दिन से चल रहीं धूल भरी हवाएं एक बार फिर एनसीआर में शुद्ध हवा को विषैला बना देंगी।
 
समीर ऐप के मुताबिक, आज ग्रेटर नोएडा की वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 306 दर्ज की गई। फरीदाबाद की एक्यूआई 246,  नोएडा की एक्यूआई 285,  गाजियाबाद की 288,  दिल्ली की 229, तथा गुरुग्राम की 245  दर्ज की गई। आगरा की 283, बागपत की 280, बल्लभगढ़ की 242, भिवानी 190, बुलंदशहर  289,लखनऊ 208, मेरठ 275, मुरादाबाद 275,  पानीपत 200 और सोनीपत का एक्यूआई 242 रहा। हालांकि सभी शहरों में प्रदूषण की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है। इस वजह से लोगों ने राहत की सांस ली है। एनसीआर में काफी दिनों से वायु प्रदूषण  खतरनाक स्थिति में बना हुआ था।

मानकों के अनुसार शून्य और 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51 और 100 तक 'संतोषजनक', 101 और 200 में 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। CPCB बताता है कि लंबे समय तक "खराब" श्रेणी में AQI रहने से ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। हवा लंबे समय तक "बहुत खराब" रहने पर श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बन सकती है और "गंभीर" स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकती है।

मौजूदा बीमारियों से पीड़ित लोग गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। प्रत्येक शहर के लिए यह AQI वहां के सभी स्टेशनों के औसत परिणाम पर आधारित है। ऐप के अनुसार, नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद में चार स्टेशन हैं। जबकि गुड़गांव में तीन और ग्रेटर नोएडा में दो हैं।

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