आम जनता की गुहार, बोर्ड परीक्षाओं में तो डीजे बंद करा दो सरकार

Greater Noida West : आम जनता की गुहार, बोर्ड परीक्षाओं में तो डीजे बंद करा दो सरकार

आम जनता की गुहार, बोर्ड परीक्षाओं में तो डीजे बंद करा दो सरकार

Google | तेज ध्वनि से पड़ रहा है बच्चों की परीक्षाओं में व्यवधान

Greater Noida West : आजकल शादी हो, गृह प्रवेश, पूजा-पाठ कुछ भी हो, ढोल और डीजे के बिना सब अधूरा है। अभी हाल ही में महाशिवरात्रि का त्यौहार निकला है, और उस दौरान बच्चों के माता पिता ने हाथ जोड़-जोड कर जगरातों में, शिवजी की बारात में निकलते हुए डीजे वालों से गुहार की थी की आवाज कम कर लो, लेकिन आस्था के आगे किसी की न चली। अब त्यौहार बीत गए लेकिन ब्याह, पार्टीज में डीजे धड़ल्ले से बज रहे है। हाईराइज में रहने वाले इस से ज्यादा त्रस्त है, क्यूंकि जब संकरी गलियों से डीजे वाली पिकअप निकलती है तब बिल्डिंग भी साथ में थरथारआती है और बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान भी होता है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जनता ने प्रशासन से खासकर मेधा रूपम से गुहार लगाई है कि जैसे आपने डीएम के तौर पर हापुड़ में डीजे पर सख्ती लगायी थी, वैसे ही यहां भी कुछ करवा दो।  

'सोसाइटी वालो को भी आवाज कम रखनी चाहिए'
सुपरटेक ईको विलेज 1 से रंजना सूरी भरद्वाज कहती है मैंने कई बार ग्रुप में डाला है कि परीक्षाओं में थोड़ी आवाज कम रखी जानी चाहिए, सारी सोसाइटीज इतने पास पास बनी हुई है, एक भी डीजे वाली पिकअप निकलती है तो आवाज पूरे इलाके में जाती है। कोई फंक्शन दूसरी सोसाइटी में होता है तो आवाज हमारे फ्लैट में भी आती है। पढ़ाई में व्यवधान होता है।

बोर्ड की परीक्षा देने वाले बच्चों में घर लौटने का रहता है डर 
पूर्वा के दसवीं बोर्ड है और वो पढ़ाई कर ही नहीं पा रही है। वजह बार-बार सोसाइटी में ढोल बजना, सामने की सोसाइटी के मंदिर में तेज आवाज में भजन चलना इत्यादि। वो कहती है, "ये सब क्या कुछ दिन रुक नहीं सकता? स्कूल दूर है यहां काफी शांति रहती है, हम कब तक स्कूल बैठे रहे, घर तो आएंगे ही लेकिन यहां कितने ही गेट बंद कर लो, आवाज तो आती है जैसे पास ही में ही डीजे बज रहा हो। कोई हमारी मदद कर दो, ये डीजे और रेस्टोरेंट में  लेट रात तक बजने वाले गाने वाले गाने बंद करा दो"

तेज आवाज़ से निवासियों की बिगड़ रही है तबियत 
निराला एस्पायर से काम्या बताती है  शादी, पार्टी, बोर्ड की परीक्षा कुछ भी हो आवाज तो कम ही रहनी चाहिए, इतनी तेज आवाज से हमारी तबियत ही बिगड़ जाती है। समय सीमा भी होनी चाहिए। कोई अगर फंक्शन कर रहा है तो उसका मतलब क्या ये है कि उसे अधिकार मिल गया है हमारी नींद खराब करने का? मेरी बेटी के दसवीं की परीक्षा है, वो बिलकुल नहीं पढ़ाई कर पा रही है। 

खराब सड़को पर खड़े खड़े बजाते है डीजे, होती है निवासियों को दिक्कत 
अरिहंत आर्डेन से स्वीटी कहती है, "एक तो सड़के टूटी हुई है, फिर जब भी कोई डीजे निकलता है वो धीरे-धीरे निकलता है, लेकिन उसकी आवाज कम नहीं होती है। जरुरी थोड़े है की सभी को वो आवाज सुहाती हो। कितना ज्यादा सरदर्द हो जाता है क्या बताये?'

सड़क के चलते हुए डी जे से भी ज्यादा भयावह है सोसाइटी के क्लब की तेज आवाज 
ऑक्सफ़ोर्ड स्क्वायर से रूबी कहती है हमारी सोसाइटी लो राइज है। जब भी कोई डीजे बजता है, दीवारे ऐसे धूजती है जैसे अभी के अभी गिर जाएगी। हम जाकर बार बार निवेदन करते है की आवाज कम करलो लेकिन कोई भी नहीं सुनता, जब सोसाइटी के ही नहीं सुनते तो बाहर वालो से क्या उम्मीद करें। 

सभी सोसाइटी के निवासी डी जे से परेशान है, और चाहते है जब तक बोर्ड की परीक्षाएं है तब तक इन पर पूरी तरह पाबन्दी लग  जानी चाहिए। एक समय तय किया जाना चाहिए डी जे के बजने का, ढोल बजने का।

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