Greater Noida West News : ऊंची-ऊंची इमारतों से भरी गौर सिटी। आप फ्लैट खरीदने जाएंगे, तो आपकों 75-80 लाख से कम पर कोई फ्लैट नहीं मिलेगा। किराए पर रहने के लिए भी आपको कम से कम 20-25 हजार रुपये महीने खर्चने होंगे। इसके अलावा भी आपको हर महीने 3 से 6 हजार रुपये तक मेंटेनेंस के नाम पर देने होंगे। आपकी गाढ़ी कमाई के इन्ही पैसों को सोसायटी की सुरक्षा और मेंटेनेंस पर खर्च करने का दिखावा किया जा रहा है। सही मायने में गौर सिटी वाले सुरक्षा के नाम पर हजारों लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
सुरक्षा के नाम पर हो रहा खिलवाड़
ताजा मामला गौर सिटी के GC-5 का है। यहां सोमवार 25 नवंबर को सोसायटी की सिक्योरिटी की लापरवाही के चलते एक 5 साल के मासूम की जान जाते-जाते बची। घटना दिन में करीब 12 बजे की है। टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप के पत्रकार सुनीत सिंह का 5 साल का बेटा पार्क में साइकिल चलाते हुए अचानक मेन गेट तक पहुंच गया। उसने देखा कि उसे कोई रोक नहीं रहा है तो वह सोसायटी के बाहर निकल गया लेकिन मेन गेट पर तैनात आधा दर्जन सिक्योरिटी गार्ड को हवा तक ना लगी।
परिवार के लोग सोसायटी में अंदर करते रहे तलाश
सोसायटी के सामने मार्केट में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो जो दिखा वो रोंगटे खड़े कर देने वाला था। कम से कम तीन चार बार वह बच्चा तेज रफ्तार गाड़ियों की चपेट में आने से बचा। इधर सोसायटी के सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही से बेपरवाह परिवार वाले अंदर के करीब 1200 घरों की खाक छान रहे थे। ढूंढ़ते हुए मेन गेट पर पहुंचे तो जवाब मिला, हम लोग पूरी तरह मुस्तैद रहते हैं। यहां से कोई बच्चा बाहर ना तो निकला है और ना ही निकल सकता है।
कड़ी मशक्कत के बाद ढाई घंटे बाद मिला बच्चा
लेकिन सीसीटीवी फुटेज ने इनके सारे दावों की पोल खोलकर रख दी। दो घंटे तक बच्चा सोसायटी के बाहर तेज रफ्तार गाड़ियों और अराजक तत्वों के बीच फंसा रहा। उसकी जितनी समझ थी उसके हिसाब से वह अपनी सोसायटी से मिलती जुलती गौर सिटी की दूसरी सोसायटी में घुस गया। वहां के मेन गेट पर भी किसी गार्ड ने ये तक नहीं सोचा कि इतना छोटा बच्चा अकेले कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है। बच्चा अंदर घुसा। सोसायटी के चक्कर लगाए। थक हारकर बेसमेंट में खड़ी कूड़ा उठाने वाले ट्रैक्टर पर जाकर बैठ गया। बच्चा जैसे तैसे करीब ढाई घंटे बाद मिला।
मोबाइल देखने में व्यस्त रहतें है सुरक्षाकर्मी
सोचिए इन ढाई घंटों में उसके परिवार पर क्या बीती होगी। ये पहली बार नहीं है जब गौर सिटी की सोसायटियों में ऐसी लापरवाही सामने आई है। ये लोग किसी भी गलती से सीख लेने को तैयार नहीं है। लोगों का कहना है कि जिन लोगों के कंधों पर हजारों लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है वो तो ड्यूटी के नाम पर अपना पूरी ध्यान मोबाइल में रील देखने में लगा रहे हैं।