Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेकजोन-4 में स्थित मेफेयर रेसीडेंसी (Mayfair Residency) के निवासियों, बिल्डर और अफसरों के बीच आज प्राधिकरण में बैठक हुई। हालांकि बिल्डर प्रतिनिधि के अड़ियल रवैये की वजह से आज भी कोई समाधान नहीं निकला। इसकी वजह से सोसाइटी के निवासियों की मूलभूत सुविधाओं की मांगें आज भी पूरी ना हो सकीं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी संतोष कुमार और मैनेजर आराधना तथा बिल्डर की तरफ से सीईओ केशव गुलाटी ने बैठक में हिस्सा लिया। मेफेयर रेसीडेंसी की तरफ से पवन पांडे, विवेक समर्थ, प्रतीत बैजल और रवि चौधरी ने अपना पक्ष रखा।
16 फोरम में दर्ज करा चुके शिकायत
निवासी प्रीत ने बताया कि सोसाइटी के निवासियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी रेरा समेत 16 अलग-अलग फोरम में बिल्डर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। आज हुई बैठक में सुपरसिटी डेवलपर के सीईओ केशव गुलाटी ने कहा कि जब तक निवासी अपनी शिकायतें वापस नहीं ले लेते, तब तक कोई समाधान नहीं निकलेगा। जबकि निवासियों की मांग है कि बिल्डर मेंटेनेंस चार्ज के नाम पर निवासियों का शोषण बंद करे। बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने के बावजूद मेंटेनेंस शुल्क वसूला जा रहा है। बिल्डर इसे तुरंत वसूलना बंद करे।
बिल्डर की मनमानी जारी है
फ्लैट बॉयर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय को अपनी समस्याओं के बारे में एक चिट्ठी लिखी थी। उस पर एक्शन लेते हुए आज ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बिल्डर, बॉयर और अथॉरिटी की मीटिंग हुई थी। लेकिन इसमें कोई सहमति नहीं बन सकी। प्रीत ने कहा कि बिल्डर की मनमानी लगातार जारी है। लेकिन जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जातीं, हमारा अभियान जारी रहेगा। हम प्रदर्शन कर विरोध जताते रहेंगे। इसी मामले में मेफेयर रेसीडेंसी की निवासी रेनू बैजल के एक ईमेल के जवाब में आज उन्होंने डीसीपी सेंट्रल नोएडा अंकुर अग्रवाल के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। इसमें बिल्डर की मनमानी और निवासियों को हो रही मुश्किलों से अवगत कराया।
नहीं हो रही सुनवाई
बताते चलें कि मेफेयर रेसीडेंसी के निवासी लगातार 10 हफ्ते से अपनी मांगों को लेकर बिल्डर के खिलाफ रोष जता रहे हैं। लोगों का कहना है कि बिल्डर और सरकार ने अपने-अपने हिस्से के पैसे ले लिए। लेकिन सुविधाओं के नाम पर कोई सुनवाई नहीं कर रहा। मेफेयर रेसीडेंसी के निवासी प्रीत ने बताया कि यहां बिजली, पानी और सुरक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों का अभाव है। बिल्डर सुविधाएं देने के बजाय जबरन नए-नए शुल्क थोप रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पास किए गए कानून ‘एग्रीमेंट टू सबलीज’ के जाल में मेफेयर के निवासी बुरी तरह फंस गए हैं। बिल्डर ने घर देने के नाम पर पूरे जीवन की गाढ़ी कमाई लूटी ली। लोगों ने अपना सबकुछ सरकार के राजस्व में दे दिया। लेकिन अब बिल्डर और शासन-प्रशासन के सताए हैं।