मल्टीपॉइंट कनेक्शन कई सोसायटियों में उलझा, जानिए क्यों

समस्याओं का शहर ग्रेटर नोएडा वेस्ट : मल्टीपॉइंट कनेक्शन कई सोसायटियों में उलझा, जानिए क्यों

मल्टीपॉइंट कनेक्शन कई सोसायटियों में उलझा, जानिए क्यों

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Noida|Greater Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट आए दिन किसी न किसी विवाद के लिए चर्चाओं में रहता है। हाल फिलहाल में यह शहर मल्टीपॉइंट कनेक्शन को लेकर उलझा हुआ है। कई हाईराइज सोसायटियों में मल्टीपॉइंट कनेक्शन को लेकर मामला फंसता जा रहा है। नोएडा-ग्रेनो में सैकड़ों हाईराइज सोसायटियों में मल्टीपाइंट कनेक्शन नहीं हो सके हैं। इसकी एक और वजह सोसायटी में दो गुट बनना हैं। एक पक्ष मल्टीपॉइंट कनेक्शन के पक्ष में है तो दूसरा विरोध है। अपार्टमेंट ओनर असोसिएशन (एओए) और बिल्डर प्रबंधन सोसायटी में मल्टीपॉइंट कनेक्शन के पक्ष में नहीं हैं। वहीं, बायर्स बिजली कंपनी को बिजली मीटर का चार्ज देने के लिए तैयार नहीं हैं। इन्हीं सब मुद्दों के चलते कई सोसायटियों में मल्टीपॉइंट कनेक्शन काम अधूरा है।

विवाद का मुख्य कारण
निवासियों का कहना है कि वह फ्लैट के पजेशन के वक्त बिल्डर को बिजली मीटर का चार्ज जमा कर चुके हैं तो अब दोबारा चार्ज क्यों मांगा जा रहा है। इसी के साथ मल्टीपॉइंट कनेक्शन देने के बाद बिजली कंपनी सिर्फ सोसायटी में बिजली सप्लाई की जिम्मेदारी ले रही है। सोसायटी में अंदर बिजली के उपकरण खराब होते हैं तो कंपनी उसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं कई सोसायटियों में बिजली कंपनी को सहमति मिली, लेकिन कनेक्शन का काम रुकवाने के लिए लोग कोर्ट पहुंच गए।

एक कनेक्शन के लिए ₹20,720 मांगे
विद्युत निगम के द्वारा एक कनेक्शन पर ₹20,720 मांगे जा रहे थे। जबकि निवासियों ने कहा कि यह गलत है। जब बिल्डर को पैसे दिए जा चुके हैं तो विद्युत निगम को क्यों दें? ऐसे में विद्युत निगम और बिल्डर की नीतियों के खिलाफ मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। वहां पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए निवासियों को राहत दी है। फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अगर सोसाइटी के निवासी मल्टीपाइंट कनेक्शन नहीं चाहते हैं तो उनको जबरदस्ती नहीं दिया जा सकता है।

क्या है नियम
विद्युत निगम से मिली जानकारी के मुताबिक, नोएडा शहर में कुल 57 सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन दिए जाने हैं। इनमें से अभी तक करीब 50 सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन लगाए जा चुके हैं। अगर किसी सोसाइटी में मल्टीपल कनेक्शन लगता है तो उसमें निवासियों की 51% सहमति बननी चाहिए। शेष में अभियान के तहत प्रक्रिया चलाई जाती है, लेकिन बिल्डर मल्टीपाइंट कनेक्शन को लेकर निवासियों से कुछ नहीं पूछता है। जिसके कारण जवाब नहीं देने पर विद्युत निगम सोसाइटी में बिजली की सप्लाई काट देता है।


मल्टीपाइंट कनेक्शन का काम

विद्युत निगम से मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा शहर में कुल 55 सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन दिए जाने हैं। इनमें से अभी तक 15 सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन लगाए जा चुके हैं। अगर किसी सोसाइटी में मल्टीपल कनेक्शन लगता है तो उसमें निवासियों की 51% सहमति बननी चाहिए। शेष में अभियान के तहत प्रक्रिया चलाई जाती है, लेकिन बिल्डर मल्टीपाइंट कनेक्शन को लेकर निवासियों से कुछ नहीं पूछता है। जिसके कारण जवाब नहीं देने पर विद्युत निगम सोसाइटी में बिजली की सप्लाई काट देता है।

मल्टीपाइंट कनेक्शन का विरोध क्यों हो रहा

मल्टीपाइंट कनेक्शन लेने के बाद लिफ्ट से लेकर जिम और पब्लिक एरिया में मेंटेनेंस की समस्या बढ़ जाएगी। ऐसे में जिम, क्लब और पब्लिक एरिया में बिजली के लिए पैसा कौन देगा? एक और बड़ी बात यह है कि निवासियों ने बिल्डर को पहले ही बिजली का पैसा दिया हुआ है। अगर सोसाइटी के भीतर मल्टीपाइंट कनेक्शन लगता है तो दोबारा से रिचार्ज करवाना पड़ेगा। क्योंकि मल्टीपाइंट कनेक्शन पोस्टेड है। यानी कि जितना पैसा दोगे, उतनी ही बिजली चलेगी।

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