गौर सिटी में एक ही जगह बनाए गए नौ घाट, छठ व्रतियों को करना होगा रजिस्ट्रेशन

Chhath Puja 2023 : गौर सिटी में एक ही जगह बनाए गए नौ घाट, छठ व्रतियों को करना होगा रजिस्ट्रेशन

गौर सिटी में एक ही जगह बनाए गए नौ घाट, छठ व्रतियों को करना होगा रजिस्ट्रेशन

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Greater Noida West : आस्था और सूर्य की उपासना का महापर्व छठ पूजा पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। गौड़ सिटी छठ पूजा समिति प्रत्येक वर्ष छठ महापर्व का सफलतापूर्वक आयोजन करती आ रही है। इस वर्ष भी छठ महापर्व का आयोजन पारंपरिक भक्ति, सौन्दर्य और भव्यता के साथ गौड़ सिटी छठ पूजा समिति कर रही है। यह छठ महापर्व 19 नवंबर से 20 नवंबर की सुबह तक चलेगा।

व्रतियों का रजिस्ट्रेशन होगा
गौड़ सिटी छठ पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट का सबसे बड़ा छठ महोत्सव गौड़ सिटी छठ पूजा समिति द्वारा पारंपरिक भक्ति और सौम्यता से कराया जाता है। इस बार भी व्रतियों की सुविधा के लिए समिति कार्यरत है। इसके लिए व्रतियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। व्रतियों की सुविधा के लिए गौड़ सिटी छठ पूजा समिति ने इस बार 9 नए छठ घाटों का निर्माण करवाया है। इन घाटों के बन जाने से झील के सौंदर्य में चार चांद लग गए हैं और व्रतियों को भी पूजा करने में काफी सुविधा रहेगी।
घाटों के नाम
  1. गंगा घाट 
  2. गंडक घाट
  3. महानंदा घाट
  4. पुनपुन घाट
  5. सोन घाट
  6. बागमती घाट
  7. सूर्यकुण्ड घाट
  8. दामोदर घाट
  9. फल्गु घाट

छठ पूजा का पहला दिन
चार दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार की शुरुआत नहाय खाय से प्रारंभ हो गई है। इस दिन छठ व्रती स्नान कर नए वस्त्र धारण कर पूजा करते हैं। व्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल को प्रसाद के तौर बनाकर ग्रहण करते हैं। छठ व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद परिवार के सभी सदस्य भोजन के रूप में प्रसाद ग्रहण करते हैं।

छठ पूजा का दूसरा दिन
छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना होता है। इसमें छठ व्रती देर शाम को लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ का खीर बनाकर उसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं। जिसके बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु हो जाता है।

छठ पूजा का तीसरा दिन
तीसरे दिन व्रती निर्जला उपवास के साथ शाम के समय नए वस्त्र धारण कर घाट पर जाकर पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देते हैं। इस बार डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की तारीख 19 नवंबर है।

छठ पूजा का चौथा दिन
छठ पूजा के चौथे दिन पानी में खड़े होकर उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। अर्घ्य देन बाद छठ व्रती घाट पर एक दूसरे को प्रसाद देते हैं। 36 घंटे का व्रत सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण करके तोड़ा जाता है। इस पर्व की खास बात यह है कि छठ व्रती पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूरज को और अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देते हैं।

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