ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग चिंतित और दहशतजदा, गैलेक्सी वेगा की घटना से उठे सवाल

समस्या बड़ी, समाधान नहीं : ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग चिंतित और दहशतजदा, गैलेक्सी वेगा की घटना से उठे सवाल

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग चिंतित और दहशतजदा, गैलेक्सी वेगा की घटना से उठे सवाल

Tricity Today | गैलेक्सी वेगा

Greater Noida West : रविवार की देर रात ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पॉश हाउसिंग सोसायटी गैलेक्सी वेगा के एक बंद पड़े फ्लैट में आग लग गई। जिस वक्त लोग सो रहे थे, आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और देखते ही देखते 3 फ्लोर को अपनी चपेट में ले लिया। जिससे पूरी हाउसिंग सोसायटी में अफरा-तफरी मच गई। रात में लोग दहशतजदा हो गए। निवासियों ने बताया कि फायर फाइटिंग सिस्टम ने काम नहीं किया। फ्लैट में लगे वाटर स्प्रिंकलर नहीं चले। दूसरी तरफ सोसाइटी के मेंटेनेंस डिपार्टमेंट में काम करने वाले कर्मचारी भी आगजनी की ऐसी घटना से निपटने में सक्षम नजर नहीं आए। इस घटना के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट में यह मुद्दा बन गया है। लोग सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर चिंता जाहिर कर रहे हैं।

बड़ी भयानक घटना है, लोगों की हालत खराब थी
सोसायटी में रहने वाले देशराज सिंह ने कहा, "यह बहुत ही भयावह घटना घटी है। आज आग मेरी सोसाइटी में लगी है, कल को किसी और की सोसाइटी में लग जायेगी। वाटर स्प्रिंकलर तक काम नही करते हैं। हर फ्लोर पर लगे अग्निशमन यंत्र बस शोभा बढ़ाने के लिए हैं। हर स्तर पर लापरवाही है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, बिल्डर और अग्निशमन विभाग आग से बचाव के उपायों को लेकर लापरवाह बने हुए हैं। कोई ध्यान देने वाला नहीं है। फायर एक्सटिंग्विशर को हर साल बदलकर दीवारों पर लटका दिया जाता है। बाकी इंतजामों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।"

सोसायटी में रहने वाले लोग भी कम लापरवाह नहीं
सोसायटी में रहने वाले मयंक श्रीवास्तव ने कहा, "यह बहुत ही भयावह घटना है। कुछ तो बिल्डर की लापरवाही है और कई बार रेजिडेंट की लापरवाही भी कम नहीं होती है। लोग समस्याओं को वक्त रहते उठाते नहीं है। कोई बड़ा हादसा होने पर खुद आगे बढ़कर रोकथाम करने की कोशिश नहीं करते हैं। मेंटेनेंस डिपार्टमेंट और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों की बाट जोहते रहते हैं, तब तक आग जैसी घटनाएं विकराल रूप ले लेती हैं। इन हाउसिंग सोसाइटीज में हम लोग रहते हैं। लिहाजा, अपनी सुरक्षा के लिए हमें खुद तैयारी करनी होगी। सोसाइटीज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को डिजास्टर मैनेजमेंट सीखना होगा।"

खतरा जितना दिख रहा है, उससे भी ज्यादा है
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले अनिल कुमार सिंह ने कहा, "खतरा जितना दिख रहा है, उससे काफी बड़ा है। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में गैस पाइप लाइन जा रही हैं। न जाने कौन सी गैस की ओपनिंग आग में खुल जाए और भयावह रूप ले ले। तेज गर्मी में कंक्रीट का फ्लोर भी कोयले की तरह जलता है। गिर भी सकता हे। क्या हर सोसायटी में लोगों के निकलने का सेफ रास्ता बना हुआ है? यह सब नियमित निगरानी की जरूरत है। हादसा किसी की बेवकूफी की वजह या अनजानी मुसीबत से हो सकता है। मगर बचाव का रास्ता तो पहले से ही सोचकर रखना पड़ेगा।" अनिल आगे कहते हैं, "बिल्डर के फायर स्प्रिंकलर कहीं भी काम नही करते हैं और न ही इसकी रेगुलर टेस्टिंग होती है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसाइटीज में कई ऐसे मामले आ चुके हैं। आग से बचाव के वक्त फायर सिस्टम काम नहीं करते हैं। फायर एक्सटिंग्विशर के सिलेंडर भी बेकार मिले हैं।"

अग्निशमन के पर्याप्त इंतजाम नहीं
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट खरीदारों की समस्याओं और मुद्दों को उठाने वाली रश्मि पांडे ने कहा, "हाउसिंग सोसाइटीज में फायर फाइटिंग इक्विपमेंट्स लगे हैं। यह सबकुछ नाकाफी है। जब बड़ी आगजनी वाली घटना होती है तो यह सब बेकार हो जाता है। बड़ी बात यह है कि 25-30 मंजिला हाउसिंग सोसाइटीज के लिए अग्निशमन उपाय सरकार, प्राधिकरण और फायर डिपार्टमेंट के पास भी नहीं हैं। फायर डिपार्टमेंट के पास 30 मंजिल तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां और प्लेटफार्म नहीं हैं। इस जरूरत के हिसाब से फायर टेंडर और होज पाइप पर उपलब्ध नहीं हैं।"

रश्मी आगे कहती हैं, "पिछले साल ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक सोसाइटी में आग लगी। आग बुझाने के लिए अग्निशमन विभाग के कर्मचारी अपनी जान पर खेलकर बालकनी से होते हुए फ्लैट में दाखिल हुए थे। दरअसल, उनके पास उस ऊंचाई तक पहुंचने लायक होज़ पाइप और सीढ़ियां नहीं थीं। यह सबसे बड़ी परेशानी है। विकास प्राधिकरण और हमारी सरकार ने 30 मंजिला ऊंची इमारतें बनाने की इजाजत दे दी लेकिन इनसे जुड़ी आपातकालीन समस्याओं से निपटने के उपाय नदारद हैं।"

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