ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इस समय लाखों परिवार रहते हैं। लेकिन प्राधिकरण इन लाखों परिवारों की समस्याओं और मूलभूत सुविधाओं पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। सोसाइटी के निवासी लगातार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से अपनी सुविधाओं को लेकर मांग करते रहते हैं। लेकिन ग्रेनो वेस्ट निवासियों को हमेशा निराशा मिलती है।
शहर में पार्कों, बन्द पड़ीं स्ट्रीट लाइट, ठप सीवर लाइन चॉक नाले यहां की बड़ी समस्याएं हैं। स्थानीय निवासी अपनी समस्याओं को लेकर मुखर हैं। जिला प्रशासन, पुलिस, विकास प्राधिकरण, सांसद और विधायक को लगातार जानकारी देते रहते हैं। लोगों का कहना है कि हर चुनाव से पहले सांसद और विधायक बड़े-बड़े वायदे करके जाते हैं। उसके बाद वापस नहीं लौटते हैं। चुनाव एक तरह से सोसाइटी टूरिज्म हो गया है। उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव आने वाला है तो एक बार फिर झूठे वादों की झड़ी लगा दी जाएगी, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले 10 वर्षों के दौरान पार्क, स्कूल, अस्पताल, रामलीला मैदान, खेल का मैदान और डिग्री कॉलेज जैसी मूलभूत जरूरतों को लेकर जनप्रतिनिधियों ने एक कदम भी नहीं उठाया है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित स्प्रिंग मीडोज के निवासी विकास कटारिया का कहना है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक भी पार्क नहीं है। वह काफी समय से शहर के लोगों के लिए एक पार्क बनाने की मांग ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से चिल्ला-चिल्लाकर कर रहे हैं। लेकिन सीईओ साहब को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। लोगों को अगर पार्क में घूमना है तो लोगों को कई किलोमीटर दूर ग्रेटर नोएडा में स्थित मिहिर भोज में जाना पड़ता है। यह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लिए काफी शर्म की बात है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासी मिथिलेश प्रसाद का कहना है कि आसपास में पार्क नहीं होने के कारण वह अपना समय टीवी और मोबाइल पर बिताने के लिए मजबूर हैं। अगर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्राधिकरण और बिल्डर कोई एक पार्क बनवा देता तो लाखों लोगों को फायदा होता, वह अपने माता-पिता के साथ पार्क में घूमने जाते, लेकिन यह हमारे लिए काफी निराश की बात है कि ग्रेनो वेस्ट में कोई भी पार्क मौजूद नहीं है। उनका कहना है कि लोग इस समय काफी तनाव और डिप्रेशन में रह रहे हैं। अगर ऐसे समय में लोगों के लिए पार्क बनाये जाते तो लोग मानसिक तनाव से दूर होते हैं। यह काफी गंभीर विषय है।
एक निवासी जितेंद्र शर्मा का कहना है कि अगर प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा वेस्ट की 50 प्रतिशत गंभीर समस्याओं का समाधान करेगा तो अपने आप ही 90 प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो जाएगा। लेकिन प्राधिकरण को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उनका कहना है कि सीईओ नरेंद्र भूषण रोजाना करोड़ों रुपए की योजनाओं की घोषणा कर देते हैं, लेकिन उन घोषणाओं को क्या होता है। घोषणा होने के बाद बिल्डर और निवासी प्राधिकरण पर आश्रित हो जाते हैं। लेकिन प्राधिकरण से हर बार उनको धोखा मिल जाता है। उन्होंने कहा है कि प्राधिकरण सिर्फ बिल्डर के बारे में ही सोचता है। आम जनता चाहे कितनी भी परेशानी है क्यों ना हो। प्राधिकरण को कोई फर्क नहीं पड़ता है। जो काफी शर्म की बात है।
इको विलेज-1 के निवासी मनीष का कहना है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जनता की याद केवल चुनावी समय मे आती है। अब अगला चुनाव 2022 मे है। सभी पक्ष और विपक्ष वाले आपके गलियों में नज़र आएंगे। फिर से आश्वाशन मिलेगा, हम ये करा देंगे, हम वो करा देंगे। लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधियों ग्रेटर नोएडा वेस्ट की तरफ पांव करके भी नहीं सोयेंगे।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों का कहना है कि सरकारी अस्पताल, केंद्रीय विद्यालय, सीजीएचएस मेडिकल फैसिलिटी, रामलीला मैदान, पार्क, सीसीटीवी कैमरे जैसी मूलभूत सुविधाएं ग्रेटर नोएडा वेस्ट में उपलब्ध नहीं है। उनका कहना है कि शहर में लोग अपने खून पसीने की कमाई से अपने सपनों का घर तो खरीदा लेकिन मूलभूत सुविधाओं के लिए अभी भी संघर्ष कर रहे है। एक बड़ी रकम के रूप में हमने टैक्स, रजिस्ट्री के चार्जेस तो दिए लेकिन उसके बदले मूलभूत सुविधाओं का अभाव अभी भी है।