ला रेसिडेंशिया सोसाइटी के निवासियों ने बिल्डर के खिलाफ किया प्रदर्शन, ये हैं समस्याएं

समस्याओं का शहर ग्रेटर नोएडा वेस्ट : ला रेसिडेंशिया सोसाइटी के निवासियों ने बिल्डर के खिलाफ किया प्रदर्शन, ये हैं समस्याएं

ला रेसिडेंशिया सोसाइटी के निवासियों ने बिल्डर के खिलाफ किया प्रदर्शन, ये हैं समस्याएं

Tricity Today | ला रेसिडेंशिया सोसाइटी में निवासियों ने जोरदार प्रदर्शन किया

Greater Noida West : बिल्डर से परेशान ग्रेटर नोएडा वेस्ट की 'ला रेजिडेंसिया' सोसायटी में रविवार को निवासियों ने फिर प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन में करीब 150 रेजिडेंट्स शामिल थे। आरोप है कि एक महीने पहले हुए प्रदर्शन के बाद भी बिल्डर की नींद नहीं खुली है।  निवासियों ने बिल्डर पर लगाया आरोप 
निवासियों का आरोप है कि बिल्डर ने सोसाइटी में मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था नहीं की है। इससे सोसाइटी की हालत बद से बदतर होती जा रही है। निवासी वरुण श्रीवास्तव ने बताया कि सोसाइटी में व्याप्त समस्याओं के बाबत निवासियों ने कुछ दिन पहले पुलिस में कंपलेंट भी की थी। पुलिस ने सभी डायरेक्टर और निवासियों के बीच संवाद का प्रयास किया था। आरोप है कि उस मीटिंग में केवल एक ही डायरेक्टर कुलभूषण बजाज मौजूद रहे। उस समय उन्होंने भरोसा दिया था कि सभी डायरेक्टर मिलकर शीघ्र ही समस्याओं का समाधान निकलेंगे। परंतु, कई दिन बीतने के बाद भी कोई समधन नहीं हुआ और न ही कोई मीटिंग ही की गई।

सुरक्षा मेन मुद्दा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं 
एक अन्य निवासी सौरभ ने बताया कि सुरक्षा मेन मुद्दा है। पिछले एक दो महीने में सोसाइटी में बाइक चोरी की कई घटनाएं हुई हैं। गार्ड न होने की वजह से आवारा कुत्ते कई निवासियों को काट चुके हैं। प्रदर्शन में राजदीप गौतम, सौरभ श्रीवास्तव, भारत मिश्र, अनुराग पांडे समेत कई अन्य निवासी शामिल रहे। 

निवासियों के बिल्डर पर 6 आरोप 
1. सुवाश चंद्र कुमार, संजीव कुमार, पंकज जैन, मुकेश कुमार रॉय, अजय कुमार, कुलभूषण राय बजाज, सुषमा बजाज, वैभव जैन कंपनी के डायरेक्टर हैं। आम्रपाली ला रेजिडेंसिया के नाम से इस प्रोजेक्ट को साल 2010 में लांच किया था। लेकिन, बाद में आम्रपाली नाम को हटाकर सिर्फ ला रेजिडेंसिया कर दिया गया। ऐसे कर कंपनी ने हजारों खरीदारों के साथ धोखा किया। 
2. यह परियोजना वर्ष 2015 में पूरी होनी थी और कुछ निदेशकों ने इसे समय पर पूरा किए बिना इस्तीफा दे दिया है।
3. बिल्डर ने निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग करके और उचित ओसी/सीसी, फायर एनओसी प्राप्त किए बिना और अनुमोदित एजेंसी से संरचनात्मक डिजाइन की मंजूरी के बिना लगभग 1300 आवंटियों को कब्जा प्रदान किया था, जिससे सभी खरीदारों का जीवन खतरे में पड़ गया। बिल्डर के खिलाफ आर्थिक अपराध और अग्नि सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन के आपराधिक मामले पहले से ही गौतमबुद्ध नगर और दिल्ली की न्यायालयों में लंबित हैं।
4. परियोजना का दो-तिहाई हिस्सा अब भी अधूरा है। इसमें निर्माण सामग्री के साथ ही श्रमिकों की लगातार आवाजाही हो रही है। इससे निवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 
5. बिल्डर की लापरवाही से सोसाइटी में आपराधिक घटनाएं हुई हैं। इस पर अंकुश लगाने के भी कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं। 
6. बिल्डर क्रूर कृत्यों को अपनाकर, बायर्स के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने में बुरी तरह से विफल रहा है। बिल्डर फ्लैट और संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और उनके प्रदर्शन सम्बन्धी विश्वास के आपराधिक उल्लंघन, धोखा देने और शरारतपूर्ण व्यवहार का दोषी है। निवासियों ने पुलिस से जल्द से जल्द बिल्डर और उसके सहयोगी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

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