ट्यूशन पढ़ कर लौट रही दो बच्चियां लिफ्ट में फंसी, पिता ने सीएम योगी से पत्र लिखकर कहा...

समस्याओं का शहर ग्रेटर नोएडा वेस्ट : ट्यूशन पढ़ कर लौट रही दो बच्चियां लिफ्ट में फंसी, पिता ने सीएम योगी से पत्र लिखकर कहा...

ट्यूशन पढ़ कर लौट रही दो बच्चियां लिफ्ट में फंसी, पिता ने सीएम योगी से पत्र लिखकर कहा...

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida West : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हाल के दिनों सोसाइटियों में लोगों के लिफ्ट में फंसने के मामले में बढ़ोतरी हुई है। छोटे बच्चों के साथ-साथ बड़े बुजुर्ग भी चलती लिफ्ट में फंस रहे हैं। ताजा घटना ग्रेटर नोएडा वेस्ट की है। जहां महागुन मंत्रा सोसाइटी में दो बच्चियां लिफ्ट में फंस गईं। लिफ्ट में फसने के बाद बच्चे जोर-जोर से रोने लगी। करीब 8 मिनट के बाद दोनों बच्चियों को बाहर निकाला गया।

लिफ्ट में अचानक बिजली गुल
शाम के समय दोनों बच्चियां ट्यूशन पढ़ने के बाद घर वापस लौट रही थी। तभी लिफ्ट में अचानक बिजली गुल होने के बाद लिफ्ट बीच में ही अटक गई। दोनों बच्चियां लिफ्ट बंद होने के बाद घबरा गई। उन्होंने अलार्म और लिफ्ट में लगे इंटरकाम से मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन न तो अलार्म सिस्टम बजा और न ही इंटरकाम ने काम किया। इसके बाद मौके पर बच्चियों की चीख-पुकार सुनकर परिजन मौके पर पहुंच गए। डीजल जेनरेटर संचालन संचालन में करीब सात से आठ मिनट का समय लग गया। डीजल जेनरेटर शुरू होने के बाद दोनों बच्चियां लिफ्ट से बाहर निकल सकी।

“समस्या का समाधान नहीं”
सोसायटी के लोगों का आरोप है कि सोसायटी में आए दिन लिफ्ट खराब होने की दिक्कत बनी रहती है। शिकायत की जाती है। लेकिन उसके बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। आए दिन लिफ्ट खराब या बंद हो जाती है। लेकिन सोसाइटी के मेंटेनेंस डिपार्टमेंट को निवासियों की जिंदगी से कोई मतलब नहीं है। सोसाइटी में फ्लैट पर कब्जा मिले दो साल भी पूरे नहीं हुए हैं कि लिफ्ट में लोगों के फंसने की 12 से अधिक घटनाएं घट चुकी हैं। साथ ही पीड़ित परिजन ने बिल्डर प्रबंधन के कार्यालय जाकर अपनी नाराजगी जताई। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर लिफ्ट एक्ट लागू करने की मांग की है। इस घटना के बाद सोसाइटी के लोगों में आक्रोश है।

बढ़ रहे हैं हादसे लेकिन कोई जवाबदेह नहीं
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद हाइराइज इमारतों वाले शहर हैं। इन शहरों की ज्यादातर आबादी इन इमारतों में रह रही है। लाखों लोगों को हर वक्त लिफ्ट के सहारे रहना पड़ता है। ऐसे में लगातार हो रहे हादसों से लोग डरे हुए हैं। पिछले दिनों बच्चों के लिफ्ट में फंसने की कई घटनाएं सामने आई हैं। यह घटनाएं लगातार हो रही हैं। परेशानी की असली वजह इनका प्रॉपर मेंटेनेंस नहीं होना है। दरअसल, सोसायटियों में लिफ्ट के रखरखाव की जिम्मेदारी किस पर है, लिफ्ट में हादसा हो तो उसे किसकी गलती मानी जाए और किस पर कार्रवाई की जाए, यह तय नहीं है। यह तभी संभव होगा जब लिफ्ट एक्ट बनेगा।

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