लापरवाह अधिकारियों पर गिरेगी गाज या फिर ठंडे बस्ते में जाएगी जांच?

नोएडा पुलिस की कस्टडी में योगेश की मौत : लापरवाह अधिकारियों पर गिरेगी गाज या फिर ठंडे बस्ते में जाएगी जांच?

लापरवाह अधिकारियों पर गिरेगी गाज या फिर ठंडे बस्ते में जाएगी जांच?

Tricity Today | पुलिस की कस्टडी में योगेश की मौत

Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में थाना बिसरख क्षेत्र की चिपियाना बुजुर्ग पुलिस चौकी में योगेश कुमार की मौत के मामले को एक हफ्ता बीत गया है। अभी तक इस मामले में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने चिपियाना पुलिस चौकी को सस्पेंड किया है। साथ ही इस मामले में दो महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। लेकिन सवाल यह है कि इस पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर कब कार्रवाई की जाएगी। या फिर जांच ठंडे बस्ते में चली जाएगी। 

थाना प्रभारी और एसीपी के ढीले रवैये से हुआ बड़ा कांड 
इस पूरे मामले की जांच नोएडा एडीसीपी मनीष मिश्रा कर रहे हैं। शुरुआती जांच में थाना प्रभारी और एसीपी का ढीला रवैया सामने आया है। इसी ढीले रवैये की वजह से इतना बड़ा कांड हो गया। जिसके चलते पूरे प्रदेश में नोएडा पुलिस की किरकिरी हो गई। बताया जा रहा था कि जल्द ही इस मामले में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह जांच रिपोर्ट के आधार बड़ी कार्रवाई करेंगी। लेकिन अभी तक इस मामले की जांच चल रही है। अब देखना होगा की यह जांच और कितनी लंबी चलती है। 

5 लाख रुपए की मांगी थी रिश्वत 
घटना के बाद मृतक के भाई ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा था, “मेरे भाई को पुलिस रात में चौकी उठाकर लाई थी। 5 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। मैंने 50 हजार दे दिए, 1 हजार रुपए शराब के लिए मांगे गए थे। मैंने वो भी दे दिए। रात 10:30 बजे मैं चौकी के बाहर ही था। मैंने कहा कि 4.50 लाख रुपए सुबह दे दूंगा। पुलिस ने कहा था कि सुबह तुम्हारे भाई को छोड़ देंगे। अब मेरे भाई को पुलिस ने फांसी लगाकर मार दिया।”

यह है पूरा मामला 
मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले योगेश कुमार के रूप में हुई है। वह चिपियाना में ही डोनाल्ड पार्टी वर्कशॉप में काम करता था। उसके सहकर्मी ने कुछ आरोप लगाए गए थे। जिसकी जांच के लिए उसे चौकी बुलाया गया था। 16 मई की सुबह चौकी में बने बैरक में योगेश का शव फंदे से लटका मिला।

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