जहां रोजाना रावण के सामने होगी राम-सीता की पूजा, राजस्थान से ग्रेटर नोएडा वेस्ट पहुंचा राम दरबार

भारत का इकलौता मंदिर : जहां रोजाना रावण के सामने होगी राम-सीता की पूजा, राजस्थान से ग्रेटर नोएडा वेस्ट पहुंचा राम दरबार

जहां रोजाना रावण के सामने होगी राम-सीता की पूजा, राजस्थान से ग्रेटर नोएडा वेस्ट पहुंचा राम दरबार

Tricity Today | जहां रोजाना रावण के सामने होगी राम-सीता की पूजा

Greater Noida West : आगामी 22 जनवरी 2024 पूरे भारतवर्ष के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है। जहां एक तरफ 22 जनवरी को अयोध्या में रामलाल की आंखों से पट्टी उतरेगी। वहीं दूसरी तरफ गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक ऐसा ऐतिहासिक कार्य होने जा रहा है, जो इतिहास में लिखा जाएगा। इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई है और राजस्थान से राम दरबार भी आ चुका है। हम बात कर रहे हैं ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित बिसरख गांव की, जहां पर रावण का मंदिर है।

बिसरख रावण मंदिर में लगेगा राम दरबार
दरअसल, बिसरख गांव में रावण के मंदिर में राम दरबार की स्थापना की जाएगी। यह राम दरबार राजस्थान से बिसरख गांव के मंदिर में पहुंच चुका है। इस ऐतिहासिक कार्य के लिए मंदिर में जोर-शोर से तैयारी चल रही है। मंदिर में सजावट का काम भी हो रहा है। कुल मिलाकर 22 जनवरी को पूरा मंदिर दिवाली की तरह सज जाएगा। यह ऐतिहासिक दिन होगा, जहां पर रावण के सामने सीता माता और भगवान राम की पूजा की जाएगी। 

बिसरख गांव का बेटा है रावण
यह वही मंदिर है, जहां पर रावण ने भगवान भोलेनाथ की पूजा की थी। पूजा करते वक्त रावण ने शिवलिंग पर कई बलि चढ़ाई थी। बताया जाता है कि बिसरख गांव में रावण का जन्म हुआ था। मतलब, बिसरख गांव का बेटा रावण है और अब इस गांव में रावण के सामने राम दरबार लगने जा रहा है। यह भारत का इकलौता मंदिर है, जहां पर रावण को पूजा की जाता है और अब रावण के साथ राम को भी पूजा जाएगा। मतलब, अच्छाई और बुराई आमने-सामने होगी। बिसरख गांव में केवल रावण ने ही नहीं, बल्कि उसके पूरे परिवार ने भगवान शिव की पूजा की थी।

आज तक बिसरख गांव में नहीं हुआ रावण दहन
ऐसा कहा जाता है कि बिसरख गांव में रावण दहन नहीं होता। एक बार गांव में रावण दहन करने का प्रयास किया गया, लेकिन गांव में कुछ अनहोनी हो गई थी। उसके बाद दोबारा से भगवान भोलेनाथ की पूजा की गई और बिसरख गांव के लोगों ने अपने पूर्वज रावण को शांत किया। उसके बाद ही गांव में सब कुछ शांत हुआ। तभी फैसला लिया गया कि आज के बाद कभी भी बिसरख गांव में रावण दहन ना तो किया जाएगा और ना ही प्रयास किया जाएगा। हालांकि, गांव में रामलीला का आयोजन किया जाता है।

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