ग्रेटर नोएडा के 1.67 लाख फ्लैट खरीदारों को जल्द मिलेगी सपनों की चाबी, अमिताभ कांत समिति ने बनाया यह नया प्लान

अच्छी खबर : ग्रेटर नोएडा के 1.67 लाख फ्लैट खरीदारों को जल्द मिलेगी सपनों की चाबी, अमिताभ कांत समिति ने बनाया यह नया प्लान

ग्रेटर नोएडा के 1.67 लाख फ्लैट खरीदारों को जल्द मिलेगी सपनों की चाबी, अमिताभ कांत समिति ने बनाया यह नया प्लान

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Greater Noida News : शहर के करीब 1.67 लाख फ्लैट खरीदारों को फ्लैट की चाबी दिलवाने में अमिताभ कांत की समिति लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए एक नया प्लान तैयार किया गया है। नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत के नेतृत्व वाली विशेषज्ञ समिति की सिफारिश में सहयोगी बिल्डर लाना शामिल किया गया है। इससे रुकी हुई परियोजनाओं को गति मिलेगी। बताया जा रहा है कि आगामी बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। इस प्रस्ताव को लखनऊ में होने वाली कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल सकती है। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा शहर के 1.67 लाख लोगों को अपना हक मिलेगा।

कैसे रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को मिलेगी गति
दरअसल, रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत के नेतृत्व वाली विशेषज्ञ समिति ने तमाम सिफारिशें की हैं। प्राधिकरणों से विचार-विमर्श के बाद अब यह प्रस्ताव प्रदेश कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट की मुहर के बाद इसको लागू किया जाएगा। अगर समिति की सिफारिशें लागू होती हैं तो इससे 1.67 लाख फ्लैट खरीदारों को राहत मिल सकती है।

सभी समस्याओं का समाधान होगा
को-डेवलपर (सहयोगी बिल्डर) नीति अमिताभ कांत समिति की सिफारिश के बाद प्रस्तावित पुनर्वास पैकेज का प्रमुख हिस्सा है। इसमें परियोजनाओं को पूरा करने के लिए को-डेवलपर लाने के लिए किसी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं है, लेकिन इसको लेकर डेवलपर के सामने कई तरह की दिक्कतें हैं। इसके लिए वह शासन तक अपनी बात रख चुके हैं। उम्मीद है कि यह मुद्दे भी सुलझ जाएंगे।

इस नीति से सबको मिलेगा फायदा 
इस नीति के बाद सरकार और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दोनों को फायदा होगा। इस नीति के तहत परियोजना का अधिग्रहण करने वाली कंपनियों को प्राधिकरण से मंजूरी लेनी होगी। जिससे ब्याज और अन्य वित्त सहायता तक उनकी पहुंच आसानी हो जाएगी। इसमें दूसरी ओर बिल्डरों का भी यही मानना है कि यह घर खरीदार, प्राधिकरण और सरकार समेत सभी हितकारी के लिए बेहतर होगा। प्राधिकरण अपना बकाया वसूल करेगा और सरकार को स्टांप शुल्क मिलेगा।

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