Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर के प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी करते हैं। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं। गौतमबुद्ध नगर परिवहन विभाग ने प्राइवेट स्कूलों की 27 बसों को प्रतिबंधित कर दिया है। इन बसों में फिटनेस की जांच की नहीं की गई। जांच में पाया गया है कि इन स्कूल बसों में सफर करना खतरे से खाली नहीं है। इस वजह से परिवहन विभाग ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्राइवेट स्कूलों की 27 बसों को प्रतिबंध कर दिया है। अगर उसके बावजूद भी ये बसें सड़कों पर दौड़ेंगी तो बस के साथ स्कूल पर भी कार्रवाई की जाएगी।
जिले में 1925 निजी स्कूल बसें
जिले में 1925 निजी स्कूल बसों में से 27 बसों की फिटनेस जांच नहीं कराई गई है। परिवहन विभाग द्वारा बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद इन बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं बनवाया गया। जिसके कारण इन्हें काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया गया है। विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि यदि ये बसें सड़कों पर दौड़ती पाई जाती हैं तो उन्हें तुरंत जब्त कर लिया जाएगा। उसके बाद संबंधित स्कूल और बस ऑपरेटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कई बसों के दस्तावेजों में कमी मिली
एआरटीओ प्रशासन डॉ.सियाराम वर्मा ने बताया कि करीब तीन महीने पहले स्कूली वाहनों के दस्तावेजों और फिटनेस की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। इसमें कई बसों के दस्तावेजों में कमी पाई गई। जिसके बाद उन पर चालान किया गया और कुछ बसों को जब्त भी किया गया। स्कूलों को फिटनेस जांच कराने के लिए विशेष कैंप आयोजित किए गए थे। जहां कई बसों की फिटनेस जांच की गई। इसके बावजूद 27 बसों के संचालकों ने जांच नहीं कराई।
फिटनेस जांच क्यों जरूरी?
परिवहन विभाग के अनुसार फिटनेस जांच से बस के किसी हिस्से में तकनीकी कमी होने पर उसे ठीक करने के निर्देश दिए जाते हैं। फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना कोई भी बस सड़कों पर नहीं चल सकती। क्योंकि इससे बस के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। जिससे बच्चों और स्टाफ की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।