बाइक बोट घोटाले में नामी अस्पताल की मालकिन समेत 3 नए आरोपी बने, स्पेशल कोर्ट में होगी अगली सुनवाई

Greater Noida : बाइक बोट घोटाले में नामी अस्पताल की मालकिन समेत 3 नए आरोपी बने, स्पेशल कोर्ट में होगी अगली सुनवाई

बाइक बोट घोटाले में नामी अस्पताल की मालकिन समेत 3 नए आरोपी बने, स्पेशल कोर्ट में होगी अगली सुनवाई

Google Photo | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida News : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) की तरफ से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायालय में दायर आरोपपत्र में मेरठ के आनंद हॉस्पिटल की मालकिन मीना आनंद, नोएडा के बिल्डर मैसर्स साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक अनिल कुमार साहा का भी नाम शामिल किया गया है। आरोप है कि मीना आनंद ने बाइक बोट कंपनी से 2.5 करोड़ रुपए अपने निजी खाते में लिए थे। इस मामले में अब स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होगी।

लाखों लोगों से हजारों करोड़ की ठगी
दादरी के कोट गांव में खोली गई बाइक बोट कंपनी के नाम से देशभर में लाखों लोगों से हजारों करोड़ की ठगी हुई। देशभर की 16 से अधिक एजेंसियां इस घोटाले की जांच कर रही हैं। बाइक बोट घोटाले में न्यायालय के आदेश पर फरवरी 2021 से ईडी भी जांच कर रही है, जिसकी सुनवाई इन दिनों गाजियाबाद स्थित विशेष कोर्ट में चल रही है। जहां पर ईडी ने नए आरोपियों को शामिल कर चार्जशीट दाखिल की। उनके खिलाफ भी अब यह मामला चलेगा। 

मीना आनंद के अकाउंट में गए 2.5 करोड़ रुपए
इन नए नामों में सबसे अहम नाम मेरठ स्थित आनंद हॉस्पिटल की मालकिन मीना आनंद का है। ईडी ने आरोपपत्र में मीना आनंद को आरोपी बनाते हुए कहा है कि उन्होंने बाइक बोट कंपनी के खाते में आए घोटाले के धन में से 2.5 करोड़ रुपए अपने निजी बैंक खाते में लिए। इस धन का इस्तेमाल उन्होंने अपने हॉस्पिटल के संचालन में किया, जबकि उन्हें जानकारी थी कि यह घोटाले से एकत्रित धन है।

साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड का भी नाम शामिल
इसके अलावा ईडी ने एक अहम नाम साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक अनिल कुमार साहा का शामिल किया है। आरोप है कि बाइक बोट कंपनी में ठगी का धन विभिन्न बैंक खातों में जमा होता था और इन खातों में जमा होने वाले रुपये को बाद में साहा इंफ्राटेक कंपनी के खाते से अन्य जगह भेजा गया। यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है।

क्या थी बाइक बोट स्कीम
साल 2010 में संजय भाटी ने कंपनी की शुरुआत की थी। वर्ष 2018 में यह बाइक बोट स्कीम लॉन्च की थी। स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई। इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62,100 रुपए का निवेश कराया गया था। उसके एवज में एक साल तक प्रतिमाह 9,765 रुपए देने का वादा किया गया था। निवेश करने वालों का आरोप है कि उन्हें पैसे नहीं दिए गए। बाद में संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए थे।

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