ना डिवाइडर और ना रिफ्लेक्टर, हाईवे अधूरा लेकिन टोल चाहिए पूरा

ग्रेटर नोएडा में नेशनल हाईवे पर हादसा : ना डिवाइडर और ना रिफ्लेक्टर, हाईवे अधूरा लेकिन टोल चाहिए पूरा

ना डिवाइडर और ना रिफ्लेक्टर, हाईवे अधूरा लेकिन टोल चाहिए पूरा

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा में नेशनल हाईवे पर हादसा

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके से नेशनल हाईवे-91 गुज़रता है। वैसे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (NHAI) ने इस महामार्ग का नाम बदलकर 334-सी कर दिया है। दादरी और सिकंदराबाद के बीच इस हाईवे पर लगातार हादसे हो रहे हैं। दरअसल, सड़क का निर्माण आधा-अधूरा है। हालांकि, अथॉरिटी पूरी टोल वसूली कर रही है। पिछले कई महीनों से हाईवे से जुड़ी अनियमितताओं और टोल वसूली के ख़िलाफ आसपास के इलाके के गांववाले विरोध कर रहे हैं।

बुधवार की रात हुआ हादसा, माल से भरा ट्रक पलट गया
दादरी से बुलंदशहर जाते हुए कोट गांव के पास इस हाईवे के ऊपर से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे गुजरता है। एक्सप्रेसवे के फ्लाईओवर के नीचे सड़क का चौड़ीकरण चल रहा है। यहां रिफ्लेक्टर ना लगे होने की वजह से ट्रक खाई में गिर गया। ड्राइवर और उसका सहयोगी घायल हैं। इस चौड़ीकरण के दौरान रिफ्लेक्टर ना लगे होने से हर दिन हादसे हो रहे हैं। दादरी और सिकंदराबाद के बीच हाईवे की स्थिति ज्यादा खराब है। कई जगह डिवाइडर नहीं हैं। पर्याप्त संख्या में रिफलैक्टर और साइनबोर्ड नहीं लगाए गए हैं।

लुहारली टोल संघर्ष समिति कर रही है विरोध
नेशनल हाईवे पर अव्यवस्थाओं और स्थानीय ग्रामीणों से टोल वसूली का विरोध चल रहा है। दादरी इलाके के 46 गांव टोल वसूली से प्रभावित हैं। ग्रामीणों ने ‘लुहारली टोल संघर्ष समिति’ बनाई है। दरअसल, दादरी क्षेत्र के गांव लुहारली में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने टोल प्लाजा बनाया है। लुहारली गांव के किसान फिरेराम ने कहा, “नेशनल हाईवे के दोनों ओर दो-तीन किलोमीटर दूरी वाले दायरे में 46 गांव हैं। इन गांवों में दो लाख जनसंख्या है। सारे गांवों से टोल वसूली चल रही है। यह सरासर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय के नियमों के खिलाफ़ है। ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।”

टोल प्लाजा पर फसाद आम बात, लोगों पर दर्ज हो रहे मुकदमे
कोट गांव के निवासी कैलाश भड़ाना कहते हैं कि पिछले क़रीब एक साल से सभी 46 गांवों के लोग पंचायतें कर रहे हैं। लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भेजे गए हैं। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और पुलिस को बार-बार शिकायतें भेजी जा रही हैं। अब तक कोई समाधान नहीं किया गया है। टोल वसूली बदस्तूर जारी है। टोल पर तैनात कर्मचारी सख़्ती के साथ ग्रामीणों से टोल वसूली करते हैं। इसके चलते कई बार लड़ाई, झगड़े और फ़साद हो रहे हैं।” कैलाश भाड़ना आगे कहते हैं, “ख़राब हालात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो वर्षों के दौरान लुहारली टोल प्लाज़ा पर 50 ज़्यादा मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं। 20 से ज़्यादा मुक़दमे टोल मैनेजमेंट वाले आम लोगों पर लिखवा चुके हैं।”

‘अब बड़ा आंदोलन करेंगे, तैयारी चल रही है’
किसान नेता बिन्नू अधाना “हमारे पास आंदोलन करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी और टोल मैनेजमेंट के ख़िलाफ 2 मोर्चों पर लड़ाई लड़ी जाएगी। एक तरफ इलाक़े के लोग मिलकर आंदोलन करेंगे। दूसरी तरफ एक टीम इस मनमानी के ख़िलाफ क़ानूनी लड़ाई लड़ेगी। हम लोग इलाहाबाद हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। हमारी मांग है कि नेशनल हाईवे के आसपास पड़ने वाले 46 गांवों से टोल वसूली नहीं की जानी चाहिए।”

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