Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के जुड़ने के बाद सीधे तौर पर सबसे पहले उत्तर प्रदेश के 8 जिलों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। इनमें गौतमबुद्ध नगर के अलावा गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और हाथरस शामिल हैं। इसलिए योगी सरकार का कहना है कि यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले इंटरचेंज का बनना विकास की गति के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
कहां बन रहा इंटरचेंज और कितना आएगा खर्च
उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिन दुर्गा शंकर मिश्र शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा आए। उन्होंने ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज का शुभारंभ किया। यह इंटरचेंज जेवर विधानसभा के गांव जगनपुर-अफजलपुर के पास बन रहा है। इसकी लागत 123 करोड़ रुपए आएगी।
विकास के लिए "मील का पत्थर" साबित होगा इंटरचेंज
इंटरचेंज का शुभारंभ करते हुए दुर्गा शंकर मिश्र ने ग्रेटर नोएडा में कहा, "नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए किसी भी व्यक्ति को समस्या को सामना नहीं करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि पूरे देश से कहीं भी व्यक्ति आसानी के साथ जेवर में बना रहे एयरपोर्ट तक पहुंचे, इसके लिए सरकार कार्य कर रही है। यह इंटरचेंज भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक लोगों को पहुंचाने के लिए मददगार साबित होगा। इसकी वजह से इसको विकास की गति के लिए मील का पत्थर भी कहा जा रहा है।"
इन जिलों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
दुर्गा शंकर मिश्र ने, "इस इंटरचेंज के बनने के बाद गाजियाबाद और मेरठ के अलावा सहारनपुर तक के लोग आसानी के साथ जेवर में बनने वाले हवाई अड्डे तक पहुंच सकेंगे। इसके अलावा आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और हाथरस के लोग गौतमबुद्ध नगर बिना आए सीधा मेरठ या गाजियाबाद की तरफ जा सकेंगे। यह इंटरचेंज कुल 18 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा।"