बीच में बनेगा एयर कार्गो टर्मिनल, खर्च होंगे 2400 करोड़ रुपये

जेवर एयरपोर्ट से जुड़ेंगे देश के 2 सबसे बड़े रेल मार्ग : बीच में बनेगा एयर कार्गो टर्मिनल, खर्च होंगे 2400 करोड़ रुपये

बीच में बनेगा एयर कार्गो टर्मिनल, खर्च होंगे 2400 करोड़ रुपये

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Greater Noida News : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी और एयर कार्गो सुविधाओं से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना शुरू की गई है। यमुना प्राधिकरण ने जेवर खादर और चांदहट स्टेशनों के बीच रेलवे लाइन पर एक अलग एयर कार्गो टर्मिनल बनाने की योजना बनाई है। 

कैसे जुड़ेगा मार्ग
यह नया टर्मिनल नोएडा एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल को दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेलमार्गों से जोड़ देगा। इसके अलावा दादरी में बन रहे मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब से भी यह रेलवे लाइन जुड़ेगी। इस प्रकार एयरपोर्ट से आने-जाने वाला माल बिना किसी रुकावट के देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाया जा सकेगा।

कितने करोड़ रुपये में क्या होगा?
इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगभग 2,400 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसमें से 350 करोड़ रुपये यमुना नदी पर एक रेल पुल बनाने में खर्च होंगे, जबकि यमुना एक्सप्रेसवे के ऊपर से रेल गुजारने के लिए एक 15 करोड़ रुपये का फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा। इलेक्ट्रिक सबस्टेशनों की स्थापना पर भी 20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

जेवर खादर और चांदहट के बीच तलाश शुरू
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट पर फ्रेट (माल) टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव डीपीआर में शामिल किया गया है। इस टर्मिनल के बन जाने के बाद एयर कार्गो का आयात-निर्यात आसानी से किया जा सकेगा। इसके लिए जेवर खादर और चांदहट के बीच संभावनाओं की तलाश शुरू कर दी गई है।

प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित होगा
यह परियोजना नोएडा एयरपोर्ट को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और इसे एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करने में मदद करेगी। इससे ग्रेटर नोएडा और आसपास के इलाकों के निवासियों को भी फायदा होगा, क्योंकि अब उन्हें दिल्ली या नई दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

तो ये है पूरा प्लान...
आपको बता दें कि ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे की कनेक्टिविटी पूरे दिल्ली-एनसीआर से बनाई जा रही है। इसके लिए रैपिड रेल, मेट्रो, नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे, पॉड टैक्सी, बस टर्मिनस और रेलवे रूट विकसित किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में देश के 2 सबसे बड़े रेलवे रूट दिल्ली-मुंबई रेल रूट और दिल्ली-हावड़ा रेल रूट को ज़ेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना पर क़रीब एक साल पहले काम शुरू किया गया था। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मिल गई है। सीईओ ने आगे बताया कि दोनों बड़े रेल मार्गों को आपस में जोड़ने के लिए एक किलोमीटर लंबा नया रेलवे लिंक बनाया जाएगा। यह दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन के चोला स्टेशन को दिल्ली-मुम्बई रेल लाइन के पलवल स्टेशन से जुड़ेगा।

नया रेलवे रूट इस तरह होगा
यमुना प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक़ इन दोनों रेल मार्गों को जोड़ने के लिए बनने वाला नया रेलवे लिंक 61 किलोमीटर लंबा होगा। इसकी शुरुआत दिल्ली-मुम्बई रेल लाइन के पलवल जंक्शन से होगी। पलवल से आगे बढ़कर नया रेल लिंक रूँधी गांव के पास से गुज़रेगा। यहां रूँधी रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। इसके आगे चांदहट रेलवे स्टेशन बनेगा। चांदहट के बाद रेलवे लाइन यमुना नदी को पार करेगी और उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। उत्तर प्रदेश में पहला रेलवे स्टेशन ज़ेवर खादर में होगा। इसके बाद पलवल से 33 किलोमीटर की दूरी पर जेवर एयरपोर्ट, 42 किलोमीटर पर जहांगीरपुर, 52 किलोमीटर की दूरी पर बीघेपुर और आखिर में 61 किलोमीटर दूर चोला रेलवे स्टेशन होगा।

देश में पहली बार ऐसा रेलवे स्टेशन बनेगा
इस रेलवे रूट पर बनने वाले ज़ेवर एयरपोर्ट स्टेशन अपने आप में अनूठा होगा। देश में पहली बार ऐसा रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा, जो पूरी तरह भूमिगत रहेगा। यह रेलवे स्टेशन ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पैसेंजर टर्मिनल के नीचे बनाया जाएगा। रेलवे स्टेशन और पैसेंजर टर्मिनल के बीच यात्री एलिवेटर, लिफ्ट या सीढ़ियों के ज़रिए आवागमन कर सकेंगे। यह पूरा कॉम्प्लेक्स वातानुकूलित होग। इसी स्टेशन के बराबर में दिल्ली-वाराणसी रैपिड रेल और ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे से जोड़ने वाली रैपिड और मेट्रो स्टेशन भी बनाए जाएंगे। आपको बता दें कि भारत में अभी तक किसी एयरपोर्ट के पास ऐसी सुविधा नहीं है। अगर दुनिया के बाक़ी शहरों की बात करें तो टोकियो, बर्लिन, न्यूयॉर्क और पेरिस इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नीचे इस तरह के रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं।

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