Greater Noida News : आम्रपाली परियोजन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आम्रपाली की ग्रेटर नोएडा में फंसी हुई पांच परियोजनाओं पर नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) जल्द काम शुरू करने की तैयारी में है। कंपनी का लक्ष्य है कि अगले मार्च 2025 तक इन परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाए। इसके लिए नई आवासीय परियोजनाओं की अंतिम डिजाइन और बिल्डिंग प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसे अनुमति के लिए जल्द ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास भेजा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनबीसीसी की पहल
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनबीसीसी ग्रेटर नोएडा के टेक जोन-4 में सेंचुरियन पार्क, गोल्फ होम्स, लीजर पार्क, लीजर वैली और ड्रीम वैली प्रोजेक्ट में निर्माण की तैयारी कर रही है। ग्रेनो प्राधिकरण ने आम्रपाली की पांच मौजूदा आवासीय परियोजनाओं में 75 एकड़ अप्रयुक्त भूमि पर विकास की अनुमति दी है। इस नए फ्लोर-एरिया अनुपात (एफएआर) की अनुमति देने के लिए प्राधिकरण को लगभग 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
10,000 फ्लैटों का निर्माण होगा
एनबीसीसी की योजना है कि 80 आवासीय टावरों में इन अप्रयुक्त भूमि पार्सल पर करीब 10,000 फ्लैटों का निर्माण किया जाए। इन परियोजनाओं में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रहे काम से कई साल से अपना आशियाना पाने की चाहत रखने वाले लोगों को राहत मिलेगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि प्राधिकरण का बकाया भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश तय किए हैं। एनबीसीसी ने अतिरिक्त एफएआर के लिए प्राधिकरण में कुछ धनराशि जमा कराई है। इसके बाद डिजाइन और बिल्डिंग प्लान तैयार कर जीएम प्लानिंग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इसकी सूचना दी जाएगी।
हजारों लोगों का सपना होगा पूरा
एनबीसीसी के सीएमडी केपी महादेव स्वामी ने बताया कि पांच नई परियोजनाओं में निर्माण की तैयारी की जा रही है। कंपनी की ओर से कवायद की जा रही है कि अगले साल मार्च तक इन परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाए। इस निर्माण से ग्रेटर नोएडा की आवासीय समस्याओं का समाधान होने की उम्मीद है और कई लोगों का अपने घर का सपना साकार हो सकेगा। आम्रपाली की परियोजनाओं पर एनबीसीसी का काम शुरू होने से ग्रेटर नोएडा के निवासी काफी राहत महसूस करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और दिशा-निर्देशों के तहत इस निर्माण कार्य की प्रगति सुनिश्चित की जाएगी, जिससे इन परियोजनाओं के अधूरे सपने जल्द ही साकार होंगे।