मायावती ने नहीं जारी की एक भी उम्मीदवारों की लिस्ट, बसपा नेताओं की बढ़ी बेचैनी

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कमजोर हुई ग्रेटर नोएडा की बेटी! मायावती ने नहीं जारी की एक भी उम्मीदवारों की लिस्ट, बसपा नेताओं की बढ़ी बेचैनी

मायावती ने नहीं जारी की एक भी उम्मीदवारों की लिस्ट, बसपा नेताओं की बढ़ी बेचैनी

Google Image | मायावती

Greater Noida News : सभी पार्टियों की लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सभी पार्टी अपने प्रत्याशियों को एक-एक कर मैदान में उतार रही है, लेकिन मायावती की पार्टी अबकी बार सबसे पीछे है। बसपा ने अभी तक उम्मीदवारों की एक भी लिस्ट जारी नहीं की है। राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि सबसे पहले लिस्ट जारी करने वाली पार्टी अबकी बार इतनी पीछे क्यों है? सवाल यह भी उठता है कि मायावती अबकी बार किस रणनीति पर काम कर रही हैं?

अपने ही घर में कमजोर मायावती
बताया जाता है कि गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में बसपा की पकड़ ज्यादा मजबूत नहीं है। मायावती वैसे तो ग्रेटर नोएडा की बेटी हैं, उसके बावजूद उनका अपने जिले में वर्चस्व खत्म होता जा रहा है। भाजपा के कारण मुजफ्फरनगर, बागपत और बुलंदशहर में भी बसपा कमजोर होती चली गई। कैराना सीट पर भाजपा ने फिर सिटिंग सांसद को दोहराया है और सपा ने इकरा हसन को टिकट दिया है। कैराना सीट पर भाजपा की अच्छी पकड़ है। लेकिन यहां भी बसपा चर्चा में जगह नहीं बना पाई है।

सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाएगी बसपा
मायावती की बसपा अपने पुराने एजेंडे सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से लोकसभा चुनाव में एंट्री करेगी। बसपा वेस्ट यूपी में बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत और कैराना लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाएगी। पश्चिम यूपी के कॉर्डिनेटर और बसपा राष्ट्रीय महासचिव बाबू मुनकाद अली का कहना है कि सोशल इंजीनियरिंग बसपा की प्राथमिकता है। बसपा सभी जात-धर्म की पार्टी है। उत्तर प्रदेश की अधिकतर लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों का चयन हो गया है। शीघ्र ही प्रत्याशियों के नामों की पहली सूची जारी की जाएगी।

कई नेता हुए मायावती से दूर
अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली कांग्रेस से हाथ मिला चुके हैं। अब यहां कॉर्डिनेटरों के सामने चुनौती है। मेरठ-हापुड़ सीट से पिछली बार चुनाव लड़ चुके हाजी याकूब कुरैशी भी चुनाव लड़ने से पीछे हट रहे हैं। वहीं, शाहिद अखलाक भी चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं। कांग्रेस से आए सहारनपुर के इमरान मसूद भी बसपा में नहीं रह पाए। पार्टी से तालमेल बिगड़ा और इमरान मसूद काग्रेंस में वापसी कर गए। इमरान की वेस्ट यूपी में मुस्लिम वर्ग में खास पहचान है। नगीना आरक्षित सीट पर बसपा से सांसद गिरीशचंद हैं, लेकिन बसपा को हर बार यहां से हार का सामना करना पड़ा है।

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