एनसीआर में प्रदूषण ने तोड़ा रिकॉर्ड, ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 500 के पार पहुंचा

Air Pollution : एनसीआर में प्रदूषण ने तोड़ा रिकॉर्ड, ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 500 के पार पहुंचा

एनसीआर में प्रदूषण ने तोड़ा रिकॉर्ड, ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 500 के पार पहुंचा

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida News : वायु प्रदूषण ने एनसीआर में रिकॉर्ड तोड़ दिया है अंदाज बात से लगा सकते हो कि रविवार की सुबह ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 502 दर्ज किया गया। वहीं, नोएडा में एक्यूआई 442 दर्ज किया गया। पूरे गौतमबुद्ध नगर इन समय खतरे के निशान से ऊपर है। बाहर तो दूर की बात घर के भीतर भी लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिले की जनता ने प्राधिकरण और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। लोगों को घर के भीतर भी सांस लेने में दिक्कतें हो रही है।

एनसीआर के प्रमुख 5 शहर डार्क जोन में पहुंचे
एनसीआर में वायु प्रदूषण ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। एनसीआर के प्रमुख 5 शहर डार्क जोन में चले गए हैं। एनसीआर में रहने वाले लोगों को अब सांस लेने में दिक्कत होने लगी। खांसी और छींकों से एनसीआर की जनता परेशान हो गई। शायद ही कोई घर बचा होगा, जिसमें इस प्रदूषण से लोग प्रभावित ना हो। बाहर तो दूर की बात, लोगों को घर के भीतर भी सांस लेने में परेशानियां होने लगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लोगों ने एतिहाद नहीं बरती तो जिंदगी के कम से कम 10 साल घट सकते हैं।

वायु प्रदूषण पूरे शहर पर असर डालेगा
वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा आपके दिमाग पर असर डालेगा। वायु प्रदूषण से स्ट्रोक, डिमेंशिया और पार्किंसंस जैसी बीमारियां होती हैं। इसके अलावा आंखों में डिजीज और मोतियाबिंद जैसी समस्या पैदा होती है। वायु प्रदूषण दिल पर भी काफी गहरा असर डालता है। इसके अलावा फेफड़े लीवर हड्डियों कुल मिलाकर पूरे शरीर पर इफेक्ट डालता है।

वायु प्रदूषण से ये बीमारियां हो सकती है
वायु प्रदूषण से इस्केमिक हार्ट डिजीज, हाइपरटेंशन, हार्ट फेल्‍योर, एरिथमिया या इर्रेगुलर हार्ट बीट, लंग कैंसर, लैरींगाइटिस, अस्थमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, ब्रोन्किइक्टेसिस, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, हेपेटिक स्टीटोसिस, हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा, ल्यूकेमिया, एनीमिया, सिकल सेल, इंट्रावैस्कुलर कोएग्युलेशन, मेटाबोलिक सिंड्रोम, मोटापा, डायबिटीज, गैस्ट्रिक कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी), ब्लैडर कैंसर, किडनी कैंसर, प्रोस्टेट हाइपरप्लासिया, रूमेटिक डिजीज, ऑस्टियोपोरोसिस, कमजोर हड्डियां, एटॉपिक स्‍किन रोग, स्‍किन एजिंग, यूट्र‍िकेरिया, डर्मोग्राफिज्म और मुंहासे बीमारियां होती हैं।

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