ग्रेनो प्राधिकरण ने इस साल के लिए 16 गांव किए चिंहित
ड्रोन से सर्वे कर इन गांवों की डीपीआर होगी तैयार
प्राधिकरण ने पिछले साल 14 गांव किए थे चिंहित
अब कुल 30 गांव स्मार्ट विलेज बनाए जाएंगे
Greater Noida : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने 30 गांवों की कायापलट करने का फैसला लिया है। इन गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। पिछले साल 14 गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। अब प्राधिकरण ने इस साल के लिए 16 और गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने के लिए चिंहित कर लिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कंसल्टेंट का चयन करके ड्रोन सर्वे के जरिए सर्वे करवाएगा। इन गांवों की डीपीआर तैयार की जाएगी। उम्मीद है कि अगले 2 महीनों में यह सारा काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद गांवों में विकास योजनाओं की शुरुआत होगी।
30 गांव के विकास पर 310 करोड़ रुपये खर्च करेगा प्राधिकरण
प्राधिकरण की ओर से बताया गया कि जल्दी ही विकास योजनाओं का एस्टीमेट बनवाकर टेंडर निकालेगा और कंपनी का चयन करके निर्माण शुरू कराएगा। इन 16 गांवों पर करीब 160 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पिछले साल वाले 14 गांवों पर 150 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस तरह इन 30 गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने पर प्राधिकरण 310 करोड़ रुपए का बजट खर्च कर रहा है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दायरे में 124 गांव हैं। इन गांवों को स्मार्ट विलेज में तब्दील करने की योजना है।
इस साल इन 16 गांवों को योजना में चयनित किया गया
प्राधिकरण का परियोजना विभाग पिछले साल चयनित 14 गांवों को स्मार्ट बनाने पर काम कर रहा है। प्राधिकरण के सीईओ और मेरठ के मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह के आदेश पर इस साल 16 और गांवों को स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। महाप्रबंधक (परियोजना) एके अरोड़ा ने बताया कि 16 गांवों को चिंहित किया गया है। ये इस प्रकार हैं।
महाप्रबंधक अशोक कुमार अरोड़ा ने कहा कि अब इन गांवों की डीपीआर बनवाने के लिए कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा। ड्रोन सर्वे करके डीपीआर बनेगी। उसके बाद एस्टीमेट तैयार कर निर्माण कार्य कराने के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। कंपनी का चयन करके निर्माण शुरू कराया जाएगा। इन गांवों को स्मार्ट बनाने में खर्च की सटीक लागत एस्टीमेट से पता चलेगी, लेकिन 160 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
स्मार्ट विलेज में होंगे ये काम 1. सड़कें, ड्रेनेज, सीवरेज, जलापूर्ति और बिजली के कार्य 2. सामुदायिक केंद्र, पंचायत घर व प्राथमिक विद्यालय का विकास 3. हॉर्टिकल्चर व लैंड स्कैपिंग के कार्य-वाई-फाई की सुुविधा 4. खेल के मैदान का विकास 5. तालाबों का संरक्षण 6. सौर ऊर्जा का संरक्षण 7. कूड़े का प्रबंधन 8. स्ट्रीट फर्नीचर लगाना 9. युवाओं को हुनरमंद बनाना और रोजगार के लिए प्रेरित करना
दो चरणों में होगा काम
इन गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने की योजना दो चरणों में परवान चढ़ेगी। पहले चरण में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। मसलन, हर घर को पानी व सीवर कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। सीवर लाइनों को एसटीपी से जोड़ा जाएगा। पूर्व में सीवर लाइनें आधी-अधूरी डाल दी गईं। उनको एसटीपी से नहीं जोड़ा गया। इन गांवों की सड़कें बेहतर की जाएंगी। नाली बनाई जाएंगी। हर गली में स्ट्रीट लाइट होगी। कम्युनिटी हॉल बनेंगे। इन गांवों में विद्युतीकरण के कार्य भी होंगे। वहीं, दूसरे चरण में लाइब्रेरी, वाई-फाई की सुविधा, युवाओं के लिए ट्रेनिंग सेंटर, स्मार्ट क्लास बोर्ड आदि की सुविधा दी जाएगी। ट्रेनिंग सेंटर में युवाओं को रोजगार परक कोर्स की जानकारी दी जाएगी, जिससे उनको कैरियर बनाने में मदद मिल सके।
गांवों में जीवन स्तर उठाना लक्ष्य : सीईओ
इन 14 गांवों को स्मार्ट बनाने में करीब 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ग्रेटर नोएडा के सीईओ सुरेंद्र सिंह ने कहा, "ग्रेटर नोएडा का समग्र विकास करना है तो गांवों में भी सेक्टरों की तरह ही इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा। प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। स्मार्ट विलेज के लिए 14 गांवों को चिंहित कर काम शुरू कराने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं अब वित्तीय वर्ष इस साल के लिए 16 और गांव चिंहित कर लिए गए हैं। इन गांवों में भी शीघ्र काम शुरू कराने और समय से पूरा कराने की कोशिश रहेगी। इससे ग्रामीणों का जीवन स्तर और बेहतर होगा।"