अभी बिना चश्मा पढ़ते हैं अखबार, गांव में मना जश्न, परिवार ने दिल खोलकर दिया दान

ग्रेटर नोएडा के बाबा भजनी 101 बरस के हुए : अभी बिना चश्मा पढ़ते हैं अखबार, गांव में मना जश्न, परिवार ने दिल खोलकर दिया दान

अभी बिना चश्मा पढ़ते हैं अखबार, गांव में मना जश्न, परिवार ने दिल खोलकर दिया दान

Tricity Today | बाबा भजनी

Greater Noida News : सौ वर्ष की आयु में कोई व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो और बिना चश्मा लगाए अखबार पढ़ लेता हो तो इसे कुदरत का करिश्मा ही कह सकते हैं l ग्रेटर नोएडा में दादरी ब्लाक के गांव सैन्थली में यह करिश्मा देखा जा सकता है। इस गांव के भजन लाल भाटी उर्फ भजनी बाबा का बीते गुरुवार को 101वां जन्मदिन मनाया गया है I वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और पूरे इलाके में बाबा भजनी की आयु वाले गिने-चुने बुजुर्ग ही बचे हैं l इस मौके पर उनके परिवार ने दिल खोलकर दान किया है।

पोते ने दिल खोलकर दान दिया
सैन्थली गांव के प्रधान सचिन भाटी हैं और वह बाबा भजनी के पोते हैं। सचिन भाटी ने इस मौके पर गांव के गरीबों को कपड़े, फल और मिठाई देकर मदद की है। गांव के कई मंदिरों और चौपालों के लिए करीब पांच लाख रुपये दान दिए हैं। सचिन प्रधान ने गांव के श्मशान घाट के लिए 2,51,000 रुपये दिए हैं। शिव मंदिर, माता मंदिर और सिद्ध बाबा मंदिर, बाबा ढाक वाले, चामण्ड भूमिया, बड़कीया मंदिर, जाटों वाला शिव मंदिर, जाहर बाबा मंदिर और देवता बाबा के लिए 11-11 हजार रुपये दान दिया है। नटो की मढ़ैया मंदिरों के लिए 51 हजार रुपये, लाइब्रेरी के लिए 51 हजार रुपये और जाटों की चोपाल के लिए 11 हजार रुपये दान दिया है।

बेहद संयमित है दिनचर्या
बाबा भजनी की दिनचर्या बेहद संयमित है। उनके पोते सचिन भाटी ने बताया, "बाबाजी सुबह 4 बजे सोकर उठ जाते हैं। शाम को दनि छिपने से पहले हल्का खाना खाकर सो जाते हैं। शाकाहार और दूध पसंद है। अभी तक मुंह में दांत हैं। बिना चश्मा लगाए अखबार पढ़ते हैं। अखबार पढ़ने के शौक़ीन हैं। सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अब भी पकड़ है। चर्चा करने के शौक़ीन हैं। देश की आजादी के आंदोलन के बारे में पूरी जानकारी है। खेतीबाड़ी के बारे में बड़ा ज्ञान है। अभी भी धूप को देखने वक्त बता देते हैं। पूरे इलाके में उनके साथ वाले इक्का-दुक्का बुजुर्ग जीवित हैं।"

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