किसान आबादी भूखण्ड घोटाले में होगी सख्त कार्रवाई, कोई नहीं बचेगा : सीईओ

Tricity Today Impact : किसान आबादी भूखण्ड घोटाले में होगी सख्त कार्रवाई, कोई नहीं बचेगा : सीईओ

किसान आबादी भूखण्ड घोटाले में होगी सख्त कार्रवाई, कोई नहीं बचेगा : सीईओ

Tricity Today | CEO Surendra Singh

Greater Noida : ग्रेटर नोएडा में भूमि अधिग्रहण की एवज में किसानों को 6% और 10% आबादी भूखंडों का आवंटन किया जा रहा है। इसमें बड़ा घोटाला हुआ है। जिस पर शुक्रवार को TRICITY TODAY ने समाचार प्रकाशित किया था। इस मामले में ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा, "पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। एक जांच समिति गठित होगी, जो आबादी भूखंड आवंटन की जांच करेगी। इस मामले में संलिप्त किसी भी स्तर के व्यक्ति, कर्मचारी और प्राधिकरण के अफसर को बख्शा नहीं जाएगा। एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। घोटाले को अंजाम देने वाले लोग जेल जाएंगे।"

क्या है मामला
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण भूमि अधिग्रहण की एवज में किसानों को 6% और 10% प्रतिशत विकसित आवासीय भूखंडों का आवंटन कर रहा है। करीब 10 वर्षों से यह आवंटन प्रक्रिया चल रही है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में किसानों और प्राधिकरण के बीच हुए भूमि विवाद से पहले 6% आवासीय भूखंड दिया जा रहा था। इस विवाद में हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को 6% की बजाय 10% आवासीय भूखंड देने का आदेश दिया। कुछ दिन बाद प्राधिकरण ने तय कर दिया कि केवल उन किसानों को 10% भूखंड दिया जाएगा, जो हाईकोर्ट गए थे। बाकी सभी किसानों को केवल 6% भूखंड मिलेगा। यहीं से इस घोटाले की नींव पड़ी है। आखिरी आवंटन सूची 20 जनवरी 2022 को अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अनुमोदित की थी। इस सूची में पात्र घोषित किए गए छह मामलों में से पांच में फर्जीवाड़ा और जालसाजी हुई है। इसी पर शुक्रवार को 'ट्राईसिटी टुडे' समाचार प्रकाशित किया है।

कड़ा एक्शन होगा
इस प्रकरण को लेकर शनिवार को ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेंद्र सिंह से बात हुई। उन्होंने कहा, "यह बेहद गंभीर प्रकरण है। इसे अंजाम देने वाले आवेदक, अधिकारी और कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी जल्दी से जल्दी जांच करेगी। घोटाले में शामिल सारे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।" आपको बता दें कि 01 मई 2022 को सुरेंद्र सिंह को ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाकर भेजा गया। तब से वह लगातार भ्रष्टाचार पर कार्रवाई कर रहे हैं। किसान आबादी भूखंड आवंटन करने के लिए अंतिम सूची उनके कार्यकाल से पहले मार्च 2022 में अनुमोदित की गई थी।

सीईओ ने दो प्रबंधक बर्खास्त किए थे
आपको बता दें कि 27 जुलाई 2022 को किसान आबादी भूखंड आवंटन की आखिरी सूची जारी की गई थी। जिसमें खैरपुर गुर्जर गांव के दो अपात्र किसानों को 6% किसान आबादी विभाग ने आरक्षण पत्र जारी कर दिया था। गांव के दूसरे किसान ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत कर दी थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए सीईओ सुरेंद्र सिंह दो मैनजेर पंकज सिंह और दिनेश की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। विभाग के प्रभारी दिगंबर सिंह को हटाकर उसके खिलाफ जांच बैठाई थी। दिगंबर के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। कुल मिलाकर पिछले करीब एक दशक से आबादी भूखंड आवंटन ने घोटाला चल रहा है।

एसीईओ लेवल पर होता है आवंटन
किसान आबादी विभाग अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के नीचे काम करता है। खास बात यह है कि भूखंड आवंटन करने की पूरी प्रक्रिया में एसीईओ से लेकर 6% किसान आबादी विभाग, लैंड डिपार्टमेंट, प्लानिंग डिपार्टमेंट के मैनेजर, तहसीलदार और डिप्टी कलेक्टर होते हैं। इससे जुड़ी फाइलें एसीईओ से शुरू होती हैं और एसीईओ ही आखिरी हस्ताक्षर करने वाला अधिकारी होता है।

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