लाखों लोगों को फायदा देने के लिए एविएशन हब का कॉमन मास्टर प्लान बनेगा, इन सुविधाओं से होगा लैस

नोएडा एयरपोर्ट से जुड़ी बड़ी खबर : लाखों लोगों को फायदा देने के लिए एविएशन हब का कॉमन मास्टर प्लान बनेगा, इन सुविधाओं से होगा लैस

लाखों लोगों को फायदा देने के लिए एविएशन हब का कॉमन मास्टर प्लान बनेगा, इन सुविधाओं से होगा लैस

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Greater Noida News : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना को इंटीग्रेटेड रूप में विकसित किया जाएगा। इसको लेकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने बुधवार को विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रालि के साथ बैठक की। इस परियोजना के दूसरे चरण में एमआरओ और एविएशन हब विकसित किया जाएगा। इसके लिए मार्च में विकासकर्ता के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। 

भविष्य को देखते हुए लिया गया फैसला
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एविएशन हब के लिए 6200 हेक्टेयर जमीन आरक्षित है। नायल पूरी परियोजना को एकीकृत रूप में विकसित करेगा। परियोजना का एक मास्टर प्लान बनेगा। इसको लेकर यमुना प्राधिकरण में बुधवार को नायल ने एयरपोर्ट को विकसित करने वाली यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रालि के साथ बैठक की है। इसमें एमआरओ और एविएशन हब को एकीकृत करने पर चर्चा की गई। एयरपोर्ट के पहले चरण में दो रनवे, दूसरे में एमआरओ और एक रनवे, तीसरे एवं चौथे चरण में तीन रनवे बनाए जाने हैं। हर चरण में अलग-अलग कंपनी आ सकती हैं। इसलिए परियोजना को आपस में जोड़ा जाएगा ताकि भविष्य में दिक्कत ना हो। अब नायल बोर्ड में इस मुद्दे को रखा जाएगा। इसके बाद शासन को भेजा जाएगा। 

हवाई जहाज की होगी मरम्मत
जेवर एयरपोर्ट परियोजना को चार चरणों में विकसित किया जाना है। 1334 हेक्टेयर में पहला चरण यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रालि कंपनी विकसित कर रही है। अब 1365 हेक्टेयर में दूसरे चरण को विकसित किया जाएगा। इसमें मेंटीनेंस रिपयेरिंग एंड ओवरहालिंग (एमआरओ) एवं एविएशन हब विकसित किया जाएगा। एमआरओ के लिए एक रनवे बनाया जाएगा। ताकि यहां मरम्मत के लिए विमान आ सकें। इसके लिए करीब 500 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। जबकि बाकी हिस्से में विमानन से जुड़ी कंपनियां अपनी इकाई लगाएंगी। 

मार्च 2024 तक पूरी हो जाएगी एनिवेशन हब की प्रक्रिया
दूसरे चरण की जमीन के अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है। अब नायल ने इसके लिए विकासकर्ता कंपनी का चयन करने की तैयारी में है। परियोजना के दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर में मेंटीनेंस रिपयेरिंग एंड ओवरहालिंग एवं एविएशन हब विकसित किया जाएगा। एमआरओ के लिए एक रनवे बनाया जाएगा। इसके लिए करीब 500 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। जबकि बाकी हिस्से में विमानन से जुड़ी कंपनियां अपनी इकाई लगाएंगी। इसमें कंपनियों को जमीन आवंटित की जाएगी। दूसरे चरण की जमीन के अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है। नायल ने मार्च तक एविएशन हब और एमआरओ के लिए विकासकर्ता कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर देगा।

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