कितना काम पूरा हुआ, कितना अभी बाकी, कब होगी उड़ान, पढ़िए हर जानकारी

नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण चलते 2 साल पूरे : कितना काम पूरा हुआ, कितना अभी बाकी, कब होगी उड़ान, पढ़िए हर जानकारी

कितना काम पूरा हुआ, कितना अभी बाकी, कब होगी उड़ान, पढ़िए हर जानकारी

Tricity Today | नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण चलते 2 साल पूरे

Greater Noida News : आज से ठीक 2 साल पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेवर की भूमि पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को आज 25 नवंबर 2023 को पूरे 2 साल हो गए हैं। इन 2 सालों के भीतर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लगभग 60 प्रतिशत काम पूरा हो गया। आगामी सितंबर 2024 से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हवाई जहाज उड़ने लगेंगे।

एयर कंट्रोल टावर, टर्मिनल बिल्डिंग और रनवे का काम पूरा
नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण कार्य काफी तेजी के साथ चल रहा है। एयरपोर्ट के लिए एयर कंट्रोल टावर, टर्मिनल बिल्डिंग और लगभग रनवे का काम पूरा हो गया है। योगी आदित्यनाथ की मंशा के मुताबिक दिन-रात नोएडा एयरपोर्ट की साइट पर काम चल रहा है। करीब 7800 कर्मचारी योगी आदित्यनाथ का सपना पूरा करने के लिए मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं।

वर्ष 2070 तक 225 मिलियन पैसेंजर यात्रा करेंगे
वर्ष 2023 से लेकर 2027 तक पहले चरण में 12 मिलियन पैसेंजर यहां से आवागमन करेंगे। वर्ष 2031 से 2033 तक 30 मिलियन पैसेंजर और 2033 से 2036 तक 50 मिलियन पैसेंजर इस हवाईअड्डे का उपयोग करेंगे। इस तरह वर्ष 2070 नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 225 मिलियन पैसेंजर यात्रा करने लगेंगे।

वर्ष 2070 में 12 मिलियन टन कार्गो जाएगा
वर्ष 2042 में यह हवाईअड्डा 3 मिलियन टन कार्गो का आयात-निर्यात करेगा। साल 2049 में कार्गो बढ़कर 4.5 मिलियन टन तक पहुंच जाएगी। साल 2060 में 6.5 मिलियन टन और 2070 में यहां से 10 मिलियन टन कार्गो उड़ान भरेगा। हवाईअड्डे के विकासकर्ताओं का मानना है कि 2070 में यहां से 12 मिलियन टन कार्गो लाया और ले जाया जाएगा।

कौन से चरण का काम कितने वर्षों में पूरा होगा और कितने रुपए खर्च होंगे
नोएडा एयरपोर्ट 6,200 हेक्टेयर जमीन पर बनाया जा रहा है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण 4 चरण में किया जाएगा। पहला चरण 2024 तक पूरा होगा। इसमें 1,334 हेक्टेयर जमीन का विकास होगा। पहले चरण में 12 मिलियन क्षमता पैसेंजर के साथ निर्माण कार्य शुरू होगा। दूसरे चरण साल 2032 तक पूरा होगा। तीसरा चरण 2037 और चौथा चरण 2050 तक पूरा होगा।

नोएडा एयरपोर्ट ने बदली गौतमबुद्ध नगर की सूरत
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरे भारत का सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। इसको योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आने के बाद गौतमबुद्ध नगर की सूरत बदल गई है। जिस जमीन पर नोएडा एयरपोर्ट बनाया जा रहा है, वहां पर कभी कौड़ियों के भाव में जमीन बेची जाती थी। आज के समय में हालात आपके सामने है। जिस जमीन को खरीदने के लिए कोई व्यक्ति नहीं आता था, उस जमीन को खरीदने के लिए आज हजारों लोगों की लाइन खड़ी हुई है। यह सब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बदौलत हुआ है।

कौन से चरण में कितनी जमीन का अधिग्रहण होगा
चौथा चरण 70 मिलियन पैसेंजर का होगा। इस तरह चारों चरण को मिलाकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट पर 29,560 करोड रुपए लगेंगे। पहले चरण में एयरपोर्ट पर 5,730 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा पहले चरण में 1,334 हेक्टेयर, दूसरे चरण में 1,365 हेक्टेयर, तीसरे चरण में 1,318 और चौथे चरण में 735 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है।

पहले दिन उड़ेंगे 65 हवाई जहाज, पहली फ्लाइट इंडिगो की होगी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहले दिन ही 65 हवाई जहाज उड़ान भरेंगे। इसमें एक कार्गो फ्लाइट, दो इंटरनेशनल और 62 घरेलू हवाई जहाज पहले दिन ही उड़ेंगे। शुरुआत में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जनता को इंडिगो और एयर इंडिया की सेवा मिलेगी। इसमें 25 उड़ानें मुंबई, बंगलुरू और हैदराबाद की शामिल हैं। जबकि 37 फ्लाइट रीजनल कनेक्टिविटी के लिए होगी। इसमें देहरादून, पिथौरागढ़ और हुबली आदि शहरों में फ्लाइट चलेगी। पहले दिन ही दुबई और सिंगापुर के लिए फ्लाइट जेवर एयरपोर्ट से रवाना होगी। इसी के साथ नोएडा एयरपोर्ट से पहली उड़ान इंडिगो की होगी। 

फरवरी 2024 में उड़ानों का ट्रायल शुरू
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ श्रेनेलमेन ने बताया कि कंपनी ने तिमाही आधार पर निर्माण से जुड़े लक्ष्य निर्धारित किए हैं। बड़ी बात यह है कि फिलहाल कंपनी निर्धारित वक्त से पहले लक्ष्य हासिल कर रही है। अगर इसी रफ्तार से हवाईअड्डे का निर्माण चलता रहा तो फरवरी 2024 में हवाईअड्डे से उड़ानों का ट्रायल शुरू किया जा सकता है। परियोजना से जुड़े आर्थिक पहलुओं पर पहले ही काम हो चुका है। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से पैसा लिया है। जेवर एयरपोर्ट की प्राइवेट पार्टनरशिप में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को स्विस कंपनी ने हिस्सेदारी दी है। कुछ पैसा लंबी अवधि के कर्ज पर लिया है।

एयरपोर्ट के पास बनेगा बड़ा रेलवे स्टेशन, कनेक्टिविटी पर जोर
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास गाजियाबाद की तरह बड़ा रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। यहां पर यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी। यहां से हवाई यात्रा करने वाले यात्री दिल्ली, गाजियाबाद, खुर्जा, बुलंदशहर, अलीगढ़, पलवल, फरीदाबाद और बल्लभगढ़ समेत दिल्ली-एनसीआर से आसानी से रेल के जरिए आ-जा सकेंगे। चोला से लेकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक रेलवे लाइन और एक्सप्रेसवे के दोनों और इंडस्ट्रियल हब बनाया जाएगा। दोनों और इंडस्ट्री लगेगी। इससे लाखों लोगों को रोजागर के संसाधन उपलब्ध होंगे। इस नये रेलवे रूट को लेकर रेल मंत्रालय से यमुना अथॉरिटी के अफसरों की कई दौर की वार्ता हो चुकी है।

नोएडा एयरपोर्ट में किसकी कितनी हिस्सेदारी
नोएडा एयरपोर्ट में राज्य सरकार की हिस्सेदारी 37.5% है। नोएडा अथॉरिटी की हिस्सेदारी भी 37.5% है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा की हिस्सेदारी 12.5% और यमुना अथॉरिटी की हिस्सेदारी भी 12.5% ही है। इसी अनुपात में 400.97 रुपए का बंटवारा इनके बीच होगा। मतलब, यूपी सरकार को प्रति यात्री 150.36 रुपए मिलेंगे। नोएडा को भी 150.36 रुपए मिलेंगे। जेवर एयरपोर्ट से आवागमन करने वाले प्रत्येक यात्री से 400.97 रुपए मिलेंगे।

नोएडा एयरपोर्ट को DXN नाम से जानेगी दुनिया
पूरी दुनियाभर में जितने भी एयरपोर्ट हैं। उनका एक कोड होता है, जिसको इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन देता है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए तीन नाम भेजे गए थे। जिनमें से DXN नाम फाइनल किया गया है। अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कोड वर्ड DXN (डीएक्सएन) होगा। नोएडा एयरपोर्ट को अब पूरी दुनिया में डीएक्सएन नाम से जाना जाएगा। अगर आप फ्लाइट बुकिंग करते हो तो आपको डीएक्सएन एयरपोर्ट से बुकिंग करनी पड़ेगी।

 रेल और सड़क से जुड़ेगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट 
जेवर के पास देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रेल नेटवर्क से जोड़ने की योजना यमुना अथाॅरिटी ने बनाई है। दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन पर पड़ने वाले चोला रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट के पास से होते हुए पलवल तक जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही चोला से लेकर पलवल तक एयरपोर्ट की बाउंड्रीवॉल से लगते हुए रेलवे लाइन निकाली जाएगी। वहीं, इसके अलावा चोला और वैर रेलवे स्टेशन के बीच में लॉजिस्टिक्स हब बनाया जाएगा। लॉजिस्टिक्स हब में कंपनी वेयर हाउस बनाएगी। जिससे कंपनी अपना माल देश-विदेश में रेल नेटवर्क के जरिए कहीं भी भेज सके।

यमुना एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा एयरपोर्ट
एयरपोर्ट को बेहतर रोड कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। यह कनेक्टिविटी एयरपोर्ट बनने के साथ ही तैयार हो जाएगी। एयरपोर्ट को यमुना एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है। इन दोनों परियोजनाओं की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इण्डिया (एनएचएआई) उठा रही है। एनएचएआई ने 537 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पहली कनेक्टिविटी एयरपोर्ट को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए तैयार की जा रही है। यमुना एक्सप्रेसवे से एयरपोर्ट की दूरी 750 मीटर है। एक्सप्रेसवे से एयरपोर्ट तक 6 लेन की रोड बनाई जाएगी। इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पाइंट से 32 किलोमीटर पर चार इंटरचेंज बनाए जाएंगे। इस सड़क के लिए 179 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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