Greater Noida News : नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। इस घोटाले में पूर्व चेयरमैन मोहिंदर सिंह (Mohinder Singh) पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोपों के अनुसार, बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में मोहिंदर सिंह ने एक गिरोह बनाकर तीनों प्राधिकरणों को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
तीनों प्राधिकरण में घोटालों की भरमार
सूत्रों के अनुसार, मोहिंदर सिंह के कार्यकाल में बिल्डरों और अधिकारियों का एक मजबूत गठजोड़ था। जिस जमीन पर बिल्डर अपनी उंगली रखते, वह जमीन उनकी हो जाती थी। इस दौरान एक ही जनरल मैनेजर (GM) को प्लानिंग, परियोजना और बिल्डर समेत कई विभागों का चार्ज दिया गया था। यह GM बैंक में नौकरी छोड़कर प्राधिकरण में आया था, जिसकी नियुक्ति भी विवादों में रही। यमुना प्राधिकरण में भी घोटाले के आरोप हैं। यहां बिल्डरों और संस्थाओं को प्लॉट किसानों को दिए गए मुआवजे से भी कम दर पर आवंटित किए गए। सेक्टर-17 में एक बिल्डर को विशेष लाभ पहुंचाया गया, जबकि बादलपुर में तीन आईटी प्लॉट संदिग्ध परिस्थितियों में आवंटित किए गए।
"नोएडा एक्सटेंशन" नाम देकर बिल्डरों से कमाए करोड़ों
ग्रेटर नोएडा में भी घोटाले का आरोप है। यहां उद्योग लगाने के लिए आरक्षित जमीनों को "नोएडा एक्सटेंशन" नाम देकर बिल्डरों को आवंटित कर दिया गया। आरोप है कि इस आवंटन के बदले में बिल्डरों से मोटी रकम ली गई। हालांकि, पिछली सरकारों में इस मामले की जांच शुरू हुई थी, लेकिन वह दबा दी गई। भाजपा सरकार ने भी जांच की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री से सीबीआई जांच की मांग
ग्रेटर नोएडा उत्थान समिति के अध्यक्ष पवन सिंह ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न केवल सीबीआई जांच की मांग की है, बल्कि मोहिंदर सिंह के गिरोह में शामिल अधिकारियों की संपत्ति की जांच ईडी से कराने की भी मांग की है।