60 लाख रुपये के विवाद में पुलिस कांस्टेबल ने किया था मर्डर

ग्रेटर नोएडा में व्यापारी अंकुश शर्मा हत्याकांड का खुलासा : 60 लाख रुपये के विवाद में पुलिस कांस्टेबल ने किया था मर्डर

60 लाख रुपये के विवाद में पुलिस कांस्टेबल ने किया था मर्डर

Tricity Today | Symbolic Photo

Greater Noida News : बीटा-दो कोतवाली क्षेत्र के अल्फा-2 सेक्टर में रहने वाले व्यापारी अंकुश शर्मा की हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें मुख्य आरोपी दिल्ली पुलिस का सिपाही प्रवीण मलिक है। पुलिस की जांच के अनुसार प्रवीण ने 60 लाख रुपये के विवाद के चलते व्यापारी की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को छिपा दिया। पुलिस ने सिपाही को गिरफ्तार कर लिया है और व्यापारी का शव बरामद कर लिया गया है। यह घटना तब प्रकाश में आई, जब अंकुश शर्मा 10 दिनों से अपने घर से लापता थे।

शराब पिलाकर हत्या की योजना
जांच में खुलासा हुआ है कि घटना वाली रात सिपाही प्रवीण मलिक ने व्यापारी अंकुश शर्मा को अपनी गाड़ी में बैठाया और उसे शराब पिलाई। इसके बाद प्रवीण ने बड़ी चालाकी से अंकुश की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद वह अपने घर लौट गया, जिससे किसी को उस पर शक न हो सके। प्रवीण पुलिस की नजरों से बचने के बजाय पुलिस के आसपास ही बना रहा, जिससे उस पर किसी भी प्रकार का संदेह न हो।

सिपाही ने पुलिस को किया गुमराह
सिपाही प्रवीण को जब पुलिस ने हिरासत में लिया तो उसने कई दिनों तक पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। वह लगातार यह दावा करता रहा कि हत्या उसने नहीं बल्कि किसी अन्य व्यक्ति ने की है। हालांकि, पुलिस ने कड़ी जांच के बाद ऐसा जाल बिछाया कि प्रवीण मलिक खुद उस जाल में फंस गया और आखिरकार सच्चाई सामने आ गई।

फ्लैट की रजिस्ट्री का विवाद बना हत्या का कारण
बीटा-दो कोतवाली प्रभारी विद्युत गोयल ने बताया कि इस घटना के पीछे 60 लाख रुपये की संपत्ति का विवाद था। आरोपी सिपाही प्रवीण मलिक ने अंकुश शर्मा से 60 लाख रुपये में एक फ्लैट खरीदा था। हालांकि, अंकुश शर्मा फ्लैट की रजिस्ट्री प्रवीण के नाम पर नहीं कर रहे थे। इस वजह से दोनों के बीच विवाद हुआ। अंततः इसी विवाद ने इस भयानक घटना को जन्म दिया। पुलिस ने प्रवीण मलिक की निशानदेही पर व्यापारी अंकुश शर्मा का शव बरामद कर लिया है। पुलिस ने बताया कि सिपाही ने शव को बेहद सोच-समझकर छिपाया था, जिससे किसी को उस पर संदेह न हो। लेकिन पुलिस की सूझबूझ और कठोर जांच के बाद मामला सुलझा।

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